उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए पुलिस महकमे की कोशिश परवान नहीं चढ़ पाई। यही वजह है कि अब महकमा कांस्टेबिलों की तैनाती गृह जिले से बाहर करने पर भी विचार कर रहा है। अब तक नियम यह है कि कांस्टेबिलों की तैनाती गृह जिले में ही की जाती है। पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने स्वीकार किया कि ‘गृह जनपद तैनाती के अपेक्षित परिणाम नहीं आ पा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि उनके पास रिपोर्ट है कि गृह जनपदों में तैनात कांस्टेबल पुलिस से अधिक निजी कार्यों में व्यस्त हैं। इस तरह की उनके पास रिपोर्ट आई है। डीजी ने कहा कि कुंभ से पहले विभाग में 1500 कांस्टेबिल की भर्ती की जाएगी। इसके लिए तैयारी शुरू की जा रही है।

रविवार को उत्तरकाशी पहुंचे डीजी (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने जिला सभागार में स्थानीय लोगों और जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांस्टेबिलों की गृह जनपद में तैनाती के पीछे मुख्य उद्देश्य पलायन रोकने का प्रयास था। अब इस नियम में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पुलिस फोर्स की कमी को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी लिए जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि ऑलवेदर रोड के निर्माण पूरा होने के बाद राज्य में तीर्थाटन और पर्यटन की तस्वीर बदल जाएगी। इसलिए संसाधन बढ़ाने की भी जरूरत है। कहा कि चारधाम यात्र के तहत उत्तरकाशी जिले में हिल पेट्रोलिंग टीमें बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि अपराध नियंत्रण करने के लिए अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जरूरत है। इसमें व्यवसायी भी अपने प्रतिष्ठानों पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाएं। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने नशे की प्रवृति रोकने के अभियान को और तेज करने की मांग की।

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने कहा कि सड़क सुरक्षा में सुधार हुआ है। बीते वर्ष सड़क दुर्घटना में 72 लोगों की मौत हुई थी। इस वर्ष यह आंकड़ा 20 रहा। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी पीसी डंडरियाल, एसडीएम देवेंद्र नेगी, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सीओ अनुज आर्य, सीओ कमल सिंह पंवार, निरीक्षक केआर पांडे, कोतवाली प्रभारी महादेव उनियाल, ऋतुराज मौजूद थे।