चंबा,19 मई ( स्वर्ण दीपक रैणा ):कृषि विभाग द्वारा केंद्रीय प्रायोजित योजना “सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकनाज़इजेसन” के अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये जाते हैं । जिसके अंतर्गत किसानों को कृषि मशीनरी खरीदने के लिए अनुदान दिया जाता है। इसी योजना के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा जिला चंबा के जन जातीय विकास खंड पांगी के किलाड़ गांब में वर्ष 2021-22 में एक कस्टम हायरिंग स्थापित किया गया है। विकास खंड पांगी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन उप कृषि निदेशक, जिला चंबा डॉ कुलदीप सिंह धीमान ने गांब किलाड़ में स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर का दौरा किया ओर गांब सुराल के किसानों के खेतों में जाकर इसमे उपलव्ध कृषि मशीनरी द्वारा किये जा रहे कार्यों का जायजा लिया ।
उन्होंने जानकारी दी कि इस कस्टम हायरिंग सेन्टर को स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य की मशीनरी खरीदने पर कृषि विभाग चंबा द्वारा 8 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।
सुराल गांब के किसानों ने डॉ धीमान को बताया कि पहले खेती के बहुत से कार्य किसान परिवार, लेबर तथा पशुओं की सहायता से किये जाते थे। फसलों की विजाई के लिए हल खींचना, फसल पकने पर उसकी गहाई करना इत्यादि काम पशुओं की सहायता से करने की बहुत पुरानी परंपरा है लेकिन अब आजकल की भागदौड़ की जिंदगी के कारण किसान पशुओं की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं और धीरे धीरे किसानों ने पशु रखना छोड़ दिये हैं। साथ-साथ युवा व्यक्ति रोजगार के तलास में शहरों में जा रहे हैं । जिस कारण अब खेती के कार्यों को पूरा करने में किसानों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ धीमान ने कहा कि खेती के सभी कार्यों को करने के लिए अब मशीनरी उपलव्ध है । इस मशीनरी से एक तो कृषि कार्य जल्दी ओर समय पर पूरे हो जाते है तो दूसरी ओर लेबर की तुलना में सस्ता भी पड़ता है । लेकिन यह मशीनरी मेहँगी होने के कारण गरीब किसान इसे नही खरीद पा रहे थे। इस समस्या के समाधान हेतु किसानों को कृषि कार्यों के लिए मशीनरी खरीदने पर अनुदान दिया जाता है।
डॉ धीमान ने कहा कि प्रदेश के बाकी जिलों में कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करने के लिए कुल लागत का केवल 40% अनुदान देने का प्रबधान है लेकिन जिला चम्बा के किसानों को आकांक्षी जिला होने के कारण कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिये 80% अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में जिला चम्बा के विभिन्न विकास खंडों में 16 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये गए हैं। यह योजना किसानों के लिए बरदान सावित हो रही है क्योंकि एक ओर कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करने बाले किसान व इन मशीनों को चलाने बाले दो तीन अन्य व्यक्तियों को रोजगार उपलव्ध होता है तो दूसरी ओर आस पास के किसानों को खेती के कार्यों को समय पर पूरा करने में यह सारी मशीनरी किराये पर उपलव्ध होती है। इस प्रकार समय पर कृषि कार्यों को पूरा करने से फसल की पैदावार बढ़ती है ओर आस पास के सभी किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है।