Shimla,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज वीडियो काॅन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल प्रदेश में एक्टिव केस फाईंडिंग अभियान को प्रभावी रूप से चलाने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के प्रयासों की सराहना की। इस अभियान से प्रदेश के लोगों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षणों की स्क्रीनिंग करने में सहायता मिली है। उन्होंने सभी राज्यों को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश की इस पहल का अनुसरण करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को उनके संबंधित राज्यों के लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करने को कहा, जिससे कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति को चिन्हित करने में मिलेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से भविष्य में उत्पन्न होनी वाली किसी भी स्थति से निपटने के लिए पर्याप्त वेंटिलेटर्ज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की फार्मास्यूटिकल इकाइयांें में निर्माण शुरू हो गया है तथा देश और विश्व को आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत फार्मास्यूटिकल कंपनियां सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग क्षेत्र में हैं। इसलिए केंद्र सरकार को रसायन तथा कच्चे माल की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियांे को पुनः आरंभ करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में आर्थिक गतिविधियां आरंभ करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य है तथा यहां हर वर्ष लाखों देशी तथा विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने प्रदेश में पर्यटन उद्योग को पूरी तरह से प्रभावित किया है। उन्हांेने कहा कि इसी प्रकार राज्य की आर्थिकी में सेब के उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि सेब उत्पाद की सुचारू आवाजाही सुविधा तथा गत्ते के डब्बांे की पर्याप्त आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 40 व्यक्ति कोरोना पाॅजिटिव हैं, जिनमें से 25 व्यक्ति नेगेटिव पाए जाने के बाद स्वस्थ होकर घर चले गए हैं। इसके अतिरिक्त चार व्यक्ति प्रदेश से बाहर उपचाराधीन है तथा एक व्यक्ति का देहांत हो चुका है। उन्होंने कहा कि शेष 10 व्यक्ति प्रदेश के अस्पतालों में उपचाराधीन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी भाग में गत पांच दिनों में कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 19 मार्च, 2020 को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था तथा जिला कांगड़ा में कफ्र्यू लगाया गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे प्रदेश में 24 मार्च को कफ्र्यू लगाया गया। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जा रही है, ताकि लोगों को कफ्र्यू के दौरान किसी परेशानी का सामने न आना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के छह जिले ग्रीन जोन में हैं तथा इन जिलों में एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कोविड-19महामारी के दृष्टिगत लाॅकडाउन जारी रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्यों को आर्थिक गतिविधियां आरम्भ करने विशेषकर ग्रीन जोन में आने वाले क्षेत्रों में गतिविधियां चलाने की स्वीकृति मिलेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जांच अनुपात 700 प्रति मिलियन व्यक्ति है, जो देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाईंडिंग अभियान एक विशेष अभियान है, जिसके तहत 70 लाख लोगों की इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लिए 16हजार कर्मचारियों के दल द्वारा जांच की जा चुकी है, जिसमें आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पैरा मेडिकल स्टाफ तथा पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। सभी इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी से ग्रस्त रोगियों की कोरोना जांच की जा रही है।
मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एस. आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर. डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क रजनीश, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।