खुशियों और रोशनी का पर्व है दीपावली, लेकिन इस पर आतिशबाजी के ट्रेंड के चलते असावधानियां बरतने पर हर साल हजारों लोग और बच्चे घायल हो जाते हैं और आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं से लोगों की हेल्थ से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं। तो ऐसी सिचुएशन दीपावली के रंग को फीका न कर दें, जानेंगे कुछ टिप्स…

बच्चे हों या वयस्क इन सभी को आतिशबाजी बहुत सावधानी के साथ जलानी चाहिए वरना त्योहार का दिन परेशान करने वाला हो सकता है।

इन बातों पर करें अमल

1. पटाखों और अन्य आतिशबाजी को खुले इलाके में जलाना चाहिए।

2. फुस्स पटाखे को दोबारा आग न लगाएं। भले ही उसका पलीता पूरा न जला हो, लेकिन वह फिर भी फट सकता है। कुछ मिनट का इतंजार करें और फिर उस पर पानी डाल दें।

3. बंद जगह में पटाखे न चलाएं।

4. बच्चों को हमेशा निगरानी में रखें।

5. पटाखे जेब में न रखें। ये विस्फोटक हैं और बिना जलाए भी फट सकते हैं।

6. धातु या शीशे की किसी चीज़ में पटाखे न जलाएं।

7.लेबल पर लिखे दिशा-निर्देशों को पढ़े। जो बहुत जरूरी होते हैं।

8. जलने वाली चीज़ों या जगहों से दूर पटाखे चलाएं। जैसे बिल्डिंग्स, पेड़ और सूखी घास आदि।

9. नल से लगी पाइप या बाल्टी के जरिए पानी को पास ही रखें जिससे पटाखे छूटने के बाद इन्हें पानी में भिगाया जा सके।

10. पटाखों और राकेट आदि के ऊपर कोई डिब्बा या दूसरी चीज़ें न रखें।

11. रोशनी करने वाले पटाखों को अपने हाथ और चेहरे से दूर रखें।

12. फुलझड़ी आदि चिंगारियों को पानी से ठंडा करें और बच्चों से सुरक्षित दूरी पर रखें। फुलझड़ी आदि चिंगारी फेंकने वाले पटाखों का सिरा कुछ देर तक गर्म रहता है और यह बच्चों की स्किन, कपड़ों या पास पड़े ज्वलनशील पदार्थों को जला सकता है।

13. अनार कभी भी हाथ में पकड़कर नहीं चलाने चाहिए, क्योंकि ये फट सकते हैं।