कीमतों में अच्छी-खासी तेजी होने के कारण घरेलू बाजार में मांग कम होने से धनतेरस पर इस बार सोने की चमक फीकी ही रहने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार धनतेरस पर सोने की खरीदारी आधी रह सकती है। भारतीय सर्राफा और ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया है कि मांग में गिरावट के कारण इस धनतेरस पर सोने की बिक्री 50 फीसद गिर सकती है।

सुरेंद्र मेहता ने कहा, “धनतेरस पर हर साल सोने की बिक्री 40 टन के आंकड़े को छूती है। हालांकि, कमजोर मांग के कारण इस बार धनतेरस पर सोने की बिक्री में 50 फीसद की गिरावट आ सकती है।” साथ ही मेहता ने बताया कि ऊंची कीमतों और आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी के कारण सोने के आयात में भी गिरावट देखी गई है। उन्होंने बताया कि भारत ने इस साल सितंबर महीने में केवल 26 टन सोने का आयात किया है, जो कि एक साल पहले के 81.71 के टन मुकाबले काफी कम है। उन्होंने बताया कि सोने के आयात में पिछले साल की तुलना में 68.18 फीसद की गिरावट देखी गई है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल जुलाई में सरकार द्वारा केंद्रीय बजट में सोने पर आयात शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसद किये जाने के बाद से सोने का निर्यात कई सालों के निम्न स्तर पर आ गया है।

सुरेंद्र मेहता ने बताया कि भारत में तीन तरह की गोल्ड डिमांड होती है। पहली वेडिंग डिमांड, दूसरी फेस्टिव सीजन डिमांग और तीसरी रेगुलर डिमांड। उन्होंने कहा कि बाजार में तरलता के संकट के कारण रेगुलर डिमांड पहले से ही कम चल रही है और दूसरी तरफ खरीदार उच्च कीमतों के कारण सोने में निवेश करने से बच रहे हैं। साथ ही मेहता ने कहा कि पहले से कम हो रही गोल्ड डिमांड के अब फेस्टिव सीजन में भी कम ही रहने के आसार हैं।