शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :जिला दण्डाधिकारी शिमला अमित कश्यप ने आज यहां बताया कि जिला में कोरोना संकट के दौरान फंसे लोगों को राशन व भोजन की उपलब्धता को प्राथमिकता प्रदान करते हुए जिला प्रशासन द्वारा 33003 जरूरतमंदों, मजदूरों व अप्रवासी श्रमिकांे को कफ्र्यू के पश्चात् राशन, भोजन व आवश्यक उपयोग की वस्तुएं प्रदान की गई। 

उन्होंने बताया कि शिमला शहरी क्षेत्र में 12755 लोगों को राशन व भोजन तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। शिमला ग्रामीण के तहत 5100 लोगों को, रामपुर में 3486, रोहडू में 4030, कुमारसैन में 4210, चैपाल में 1469, ठियोग में 1953 जरूरतमंद लोगों को राशन, भोजन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई ताकि जिला में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर इस व्यवस्था को सक्रिय रूप से क्रियान्वित करने हेतु सघन निगरानी व समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है तथा विभिन्न उपमण्डलों में उपमण्डलाधिकारी इस वितरण कार्य को देख रहे हैं ताकि सभी जरूरतमंदों को तुरन्त राशन उपलब्ध करवाया जा सके।

उन्होंने कहा कि शिमला शहर में सूद सभा, स्नातन धर्म सभा, श्री गुरू सिंह सभा, निरंकारी मिशन तथा आर्ट आॅफ लिविंग सहित 22 संस्थाओं द्वारा प्रशासन के निर्देशों के अनुसार जरूरतमंद लोगों को भोजन, आटा, दाल, तेल, चावल इत्यादि के अतिरिक्त मास्क व सैनेटाइजर आदि भी उपलब्ध करवाए गए।

उन्होंने इस संकटकाल में जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए सहयोग प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं तथा परोक्ष रूप से व्यक्तिगत स्तर पर इस पुनीत कार्य में सहभागिता सुनिश्चित करने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सम्मिलित प्रयासों से सभी जरूरतमंद लोगों को समय पर पर्याप्त मात्रा में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न संस्थाओं के साथ निरंतर बैठकें आयोजित कर जरूरतमंद लोगों की पहचान, आकंलन कर वितरण व्यवस्थाएं जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों के पटवारियों तथा अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचनाओं के उपरांत तैयार की गई सूचियों के आधार पर यह वितरण कार्य किया गया। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा तैयार आंकड़ों का विश्लेषण कर जिला प्रशासन द्वारा सभी को इसमें सम्मिलित किया गया है।

उन्होंने कहा कि कफ्र्यू के पश्चात् जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू बनाने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के दृष्टिगत जिला में रूके हुए श्रमिकों, प्रवासी मजदूरों तथा जरूरतमंद लोगों को जहां वह रह रहे हैं, उसी स्थान पर राशन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता प्रदान की गई।

उन्होंने कहा कि शिमला नगर के जामा मस्जिद मिडल बाजार में जिला प्रशासन के अधिकारी राशन की उपलब्धता के बारे में निरंतर जानकारी प्राप्त करते रहे हैं। जामा मस्जिद के अंदर रूके कश्मीरी श्रमिकों द्वारा राशन व भोजन के संबंध में पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता बताते हुए हमेशा राशन अथवा भोजन प्राप्त करने से इन्कार किया जाता रहा। उन्होंने कहा कि वहां रहने वाले अधिकांश श्रमिकों की मांग वाहन उपलब्ध करवाकर उन्हें यहां से अपने-अपने गृह क्षेत्रों में वापिस भेजने की थी लेकिन कोरोना संक्रमण के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत यह संभव नहीं था।

उन्होंने लोगों से मांग की है कि भोजन अथवा राशन की उपलब्धता से वंचित व्यक्ति के संबंध में कोई भी सूचना हो तो वे शीघ्र जिला प्रशासन के ध्यान में लाएं ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों को राशन, भोजन अथवा दैनिक उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।