Shimla,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी है कि प्रदेश में कोविड-19 के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर विभिन्न क्षमता में कार्य कर रहे फ्रंटलाइन कर्मियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उनके परिवार के नजदीकी सम्बन्धी को सरकार ने 50 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है।

प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार कोविड-19 के दौरान कार्य करते हुए मृत्यु हो जाने की स्थिति में यह अनुग्रह अनुदान राशि राज्य आपदा रिस्पाॅंस फंड कोविड-19 के तहत दी जाएगी।

प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे सभी कर्मियों को, जो कोविड-19 की महामारी के बचाव, राहत कार्यों तथा अन्य उपाय करने में दिन-रात कार्य कर रहे हैं, उनके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि ऐसे परिवारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए।

अधिसूचना के अनुसार अनुग्रह अनुदान का यह प्रावधान राज्य सरकार में कार्यरत ऐसे फ्रंटलाइन अधिकारियों व कर्मचारियों जो नियमित, आउटसोर्स, अनुबंध, दिहाड़ीदारों तथा नगर निगम शिमला की सैहब सोसायटी के सफाई कर्मियों पर लागू होगा, जो विभिन्न क्षमता में कोविड-19 महामारी के दौरान राहत व बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। इस दौरान यदि उपरोक्त फ्रंटलाइन कर्मियों की मृत्यु होने की स्थिति में यह अनुग्रह अनुदान प्रदान की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार तथा अन्य प्रदेश सरकारों द्वारा इस प्रकार का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख रुपये तक का बीमा योजना पहले ही घोषित की जा चुकी है।