शहर के तमाम सरकारी, अर्ध-सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों से कमर्शियल हाउस टैक्स वसूली के क्रम में नगर निगम ने अपनी ही बिल्डिंग से शुरुआत की है। निगम बिल्डिंग पर सवा सात लाख रुपये सालाना टैक्स लगाया गया है।

वर्ष 2016 से शुरू कमर्शियल टैक्स की प्रक्रिया के तहत निगम ने अपना चार साल का टैक्स करीब 25 लाख रुपये जमा किया है। टैक्स करीब 29 लाख रुपये था, जो 20 फीसद की छूट के साथ जमा हुआ है। खुद का टैक्स जमा कराने के बाद निगम ने शहर के 150 सरकारी, अर्ध-सरकारी एवं प्राइवेट प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी कर दिए हैं।

महापौर सुनील उनियाल गामा ने दावा किया है कि नगर निगम दून के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब अन्य भवनों से टैक्स वसूली से पहले नगर निगम ने खुद पर टैक्स आरोपित किया हो। अब तक नगर निगम बिल्डिंग से कोई टैक्स नहीं लिया जा रहा था। निगम यह संदेश देना चाह रहा है कि हाउस टैक्स से अब कोई भी बच नहीं पाएगा।

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि निगम ने कमर्शियल हाउस टैक्स की सेल्फ असेसमेंट की सेवा लागू की थी। इसमें टैक्स वसूली को लेकर इस साल से कार्रवाई की जा रही है। निगम ने इस मर्तबा विधानसभा, सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, मंत्री आवासों व विधायक हॉस्टल आदि पर भी टैक्स आरोपित किया है। सभी भवनों से मार्च 2016 से मार्च-2020 तक का टैक्स लिया जाएगा। महापौर की ओर से टैक्स में मिल रही 20 फीसद की छूट पंद्रह जनवरी तक दी जा रही है।

इन प्रतिष्ठानों को जारी किए नोटिस

उत्तराखंड भाषा संस्थान, जल संस्थान, मसूरी-देहरा विकास प्राधिकरण, दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण, निबंधक एवं फर्म सोसाइटी, निबंधक सहकारी समिति, राज्य औषधि पादप बोर्ड, उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद, उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद, उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी, भूमि सर्वेक्षण, जलागम प्रबंधन, सिंचाई विभाग, उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, राजाजी राष्ट्रीय पार्क, सिडकुल, पिटकुल, लोकयुक्त कार्यालय, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग, विद्युत आंबटर््समैन, सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण आदि।

शैक्षिक संस्थानों को भी नोटिस

कमर्शियल हाउस टैक्स की वसूली में निगम ने बड़े शैक्षिक संस्थानों को नोटिस भेज दिए हैं। इनमें डीएवी पीजी कालेज व डीबीएस पीजी कालेज समेत ग्राफिक एरा विवि, डीआइटी जैसे संस्थान शामिल हैं।