देहरादून। राज्यमंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत द्वारा निर्माण कार्यो मंे धीमी गति वाले महाविद्यालयों के कार्यों को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए नियत समय सीमा के अन्तर्गत निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों से कार्य उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं मिले हैं, उनके साथ बैठक कर तत्काल समस्या का समाधान निकाला जाए।
समीक्षा के दौरान विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर, नागनाथ पोखरी, तलवाड़ी, लम्बगांव, जहरीखाल, चैबट्टाखाल, थैलीसैंण, रानीखेत व रामनगर में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा आगामी 13 मार्च एवं अन्य महाविद्यालयों त्यूनी, अमोड़ी, बनबसा, मंगलौर, मुवानी, पिथौरागढ़, गुप्तकाशी, दुकनाकुरी, उफरेंखाल, घाट, खटीमा, चुड़याला, चकराता, आदि के निर्माण कार्यों की समीक्षा 18 मार्च, 2020 को प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के द्वारा सचिवालय में की जायेगी। जिसमें सम्बन्धित महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी प्रगति अख्या के साथ प्रतिभाग करेंगे। डाॅ. रावत द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया की मार्च, 2020 तक निर्माणाधीन महाविद्यालयों का स्वीकृत बजट का उपयोग कर लिया जाए। इस अवसर पर हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र से विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनन्द बर्द्धन, सचिव उच्च शिक्षा अशोक कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर, अपर सचिव अहमद इकबाल, संयुक्त सचिव एम.एम.सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ.एन.पी. माहेश्वरी, सलाहकार उच्च शिक्षा डाॅ एम.एस.एम रावत, संयुक्त सचिव राजस्व कृष्ण सिंह, संयुक्त निदेशक रूसा डाॅ. रचना नौटियाल, उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण रईस अहमद सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।