थोक मंडी में पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। इसकी वजह फुटकर दुकानदारों की मनमानी है। जो थोक मंडी से 25 से 45 रुपये तक अधिक दाम में प्याज बेच रहे हैं।

थोक व्यापारियों का कहना है कि मंडी में प्याज की आवक सामान्य है। नासिक के अलावा अलवर, दिल्ली, इंदौर आदि की मंडियों से पर्याप्त स्टॉक दून पहुंच रहा है। थोक मंडी में प्याज का दाम भी 60 से 75 रुपये तक है। इसके बावजूद बाजार में लोगों को गुमराह कर फुटकर विक्रेता नासिक का प्याज बताकर एक किलो के 100 से 120 रुपये तक ले रहे हैं।

प्याज की घटी डिमांड 

मंडी निदेशक अजय डबराल के मुताबिक, मंडी में पर्याप्त स्टॉक पहुंच रहा है। महंगाई के कारण प्याज की डिमांड भी घटी है। ऐसे में प्याज के दामों में भी कमी आएगी। फुटकर में प्याज के दाम तय करने का अधिकार मंडी को नहींं है।

ऐसे किए जा रहे हैं शुल्क निर्धारित

मंडी-60-65-75

आढ़त व्यापारी-72-80-85

फुटकर दाम-90-100-120

दून में प्याज की जमाखोरी की आशंका, मंडी समिति सतर्क

मंडी में प्याज की आवक सामान्य है, लेकिन दामों में उछाल जारी है। ऐसे में जमाखोरी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। हालांकि, मंडी समिति की ओर से समय-समय पर स्टॉक का निरीक्षण किया जा रहा है। मंडी निरीक्षक अजय डबराल ने बताया कि इस आशंका को देखते हुए तमाम व्यापारियों का स्टॉक चेक किया जा रहा है। यदि कोई जमाखोरी करता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्याज की खरीद में आई गिरावट, जल्द घटेंगे दाम

इन दिनों प्याज के दाम आसमान पर हैं। दून शहर में प्याज 90 से 120 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है। हाल यह है कि दूनवासी प्याज खरीदने से कतराने लगे हैं। इससे बाजार में प्याज की बिक्री में काफी गिरावट आई है, जबकि मंडी में आवक संतोषजनक है। ऐसे में जल्द ही प्याज के दामों में नरमी आ सकती है।

प्याज की बढ़ी कीमतों से आम आदमी की थाली का जायका तो खराब हुआ ही बजट बिगड़ गया, सो अलग। फुटकर व्यापारियों का कहना है कि दाम बढ़ने से बिक्री में भारी गिरावट आई है। मंडी से अधिक मात्रा में प्याज उठाने वाले विक्रेताओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि ग्राहक प्याज के दाम सुनकर बैरंग लौट रहे हैं। जो आम तौर पर एक से दो किलो प्याज खरीदते थे, वे भी आधा किलो से काम चला रहे हैं। उधर, मंडी समिति के अनुसार प्याज की आवक पर्याप्त है। मंडी में स्टॉक डिमांड के अनुरूप आने लगा है। जल्द प्याज के दाम नियंत्रण में आने की उम्मीद है।

विक्रेताओं का तर्क 

फुटकर विक्रेता कौशल किशोर के अनुसार, प्याज की डिमांड बहुत घट गई है। खरीदार प्याज की ओर रुख भी नहीं कर रहे हैं। हमें भी काफी नुकसान हो रहा है। कमलेश गुप्ता का कहना है कि पहले शाम होते-होते पूरी ठेली खाली हो जाती थी, लेकिन अब आधा प्याज वापस ले जाना पड़ रहा है। दाम अधिक होने के कारण खरीदार नहीं आ रहे हैं।

उपभोक्ताओं का तर्क 

नेहरू कालोनी निवासी शोभा जायसवाल के अनुसार, वह प्याज खरीदने के लिए बाजार आई थी। दाम 100 रुपये से ऊपर है। बिना प्याज खरीदे ही घर जाने को विवश हैं। कुछ दिन बिना प्याज के ही काम चला लेंगे। वहीं, धर्मपुर निवासी आलोक कुमार के मुताबिक, प्याज तो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। पहले मैं सप्ताह में एक-दो किलो प्याज खरीदता था, लेकिन अब आधा किलो से ही गुजारा हो रहा है।