अम्बाला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : श्री हिन्दू तख्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य ने मंगलवार को अद्वैत वेदांत के प्रणेता, सनातन धर्म के प्राणधार, परम विद्वान एवं प्रखर भविष्यदृष्टा आदि गुरू शंकराचार्य की प्रकटोत्सव के अवसर पर आदि गुरु शकराचार्य को नमन किया । शांडिल्य ने बताया आदि गुरु शंकराचार्य ने 2500 वर्ष पहले श्री हिन्दू तख्त की स्थापना की थी व शंकराचार्य ने हिन्दू धर्म के चार धाम स्थापित किये।
श्री हिन्दू तख्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य ने आदिगुरु के दर्शन को पथप्रदर्शक बताते हुये कहा कि उनके ग्रंथ, उनकी आध्यात्मिक स्थापनाएं, उनका अद्वैत दर्शन आज भी अखिल मानवता का मार्ग प्रशस्त करता है। आदि शंकराचार्य जैसे तत्वदर्शी संतों के जीवन और कृतित्व का अनुशीलन स्वतः ही जीवन में मुक्ति, शांति और ज्ञान का अनुभव कराता है। शांडिल्य ने कहा आसी गुरु शंकराचार्य जी के विशिष्टाद्वैत सिद्धांत ने हमारे भक्ति आंदोलन को सुदृढ़ आध्यात्मिक एवं दार्शनिक आधार प्रदान किया । शांडिल्य ने हजारों वर्ष पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने राष्ट्र को आध्यात्मिक एकता के सूत्र में पिरोया था ।
वीरेश शांडिल्य ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने दशनामी संन्यासी अखाड़ों को देश की रक्षा के लिए बांटा । उन्होंने कहाकि देश की एकता और अखण्डता के साथ भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए आद्व शंकराचार्य के बताए मार्ग को अनुसरण करना होगा। इस अवसर शांडिल्य ने महामारी कोरोना से जनमानस को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान से प्रार्थन की । वही शांडिल्य ने कहा श्री हिन्दू तख्त हमेशा शंकराचार्य की सोच व दिखाए मार्ग पर चलता रहेगा व हमेशा सनातन धर्म की रक्षा करता रहेगा ।