शिमला ,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): प्रख्यात रंगकर्मी मनोहर सिंह ऐसे सशक्त कलाकार थे जिन्होंने अपने कला कौशल और उत्कृष्ट अभिनय से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाटक, टीवी सीरियल और फिल्मों में उत्कृष्ट अभिनय कर इस क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दिया। निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग कुमुद सिंह ने आज रंग कर्मी मनोहर सिंह की जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि भाषा संस्कृति विभाग द्वारा मनोहर सिंह स्मृति नाट्य उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें प्रदेश के कलाकारों द्वारा विभिन्न नाटकों का मचन किया जाता है। उन्होंने बताया कि मनोहर सिंह जी ने राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 70 से अधिक ख्याति प्राप्त नाटकों में अभिनय किया, जिसमें से लगभग 30 नाटकों में मुख्य भूमिका निभाई। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए उन्होंने अनेक नाटकों में अपने दमदार अभिनय के बल पर अभूतपूर्व ख्याति अर्जित की।
सचिव हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी डाॅ. कर्म सिंह ने मनोहर सिंह को महान अभिनेता बताया। उन्होंने कहा कि मनोहर सिंह अपने किरदार में पूरी तरह खो जाते थे और दर्शकों पर अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ जाते थे। यही वजह थी कि वह लंबे समय तक मनोहर सिंह रंगमंच की दुनिया में चमकते रहे। उन्होंने कहा कि हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय समारोह के अवसर पर सेमिनार तथा नाटक मंचन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि अकादमी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से एक डाॅक्यूमेंट्री भी प्रसारित की गई है, जिसमें मनोहर सिंह के रंगमंच के योगदान पर प्रकाश डाला गया है।
नाट्यानुकृति शिमला के अध्यक्ष एवं रंगकर्मी संजय सूद ने कहा कि मनोहर सिंह ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से रंगमंच के शिखर तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और शिमला के रंग कर्मियों के लिए अत्यंत गौरव की बात है यह महान शख्सियत हिमाचल प्रदेश और विशेष रूप से शिमला से ताल्लुक रखते थे, जिनके अभिनय का लोहा पूरा देश मानता है। उन्होंने कहा कि रंगमंच के क्षेत्र में संघर्षरत देश व विशेष रूप से हिमाचली युवाओं के लिए वे सदैव प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे।
मनोहर सिंह को इस अवसर पर रंगकर्मी श्रीनिवास जोशी, सुदर्शन वशिष्ठ, केहर सिंह, दयाल प्रसाद, जवाहर कौल तथा भूपेंद्र शर्मा व रंगमंच से जुड़े अन्य कलाकारों एवं निर्देशकों ने उनकी स्मृति में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें रंगमंच का उत्कृष्ट अभिनेता बताया।