भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के अगले अध्यक्ष होंगे। BCCI में सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभालने जा रहे सौरव गांगुली ने स्वीकार किया है कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट बोर्ड के मुखिया के तौर पर उनके लिए कई चुनौतियां होंगी, जिनसे वे पार पाने की कोशिश करेंगे। गांगुली ने ये भी संकेत दे दिए हैं कि वे क्या- क्या बदलाव कर सकते हैं?

रविवार को मुंबई में बीसीसीआइ के चुनावों को लेकर मीटिंग पर मीटिंग हुईं। इसके बाद ही इस फैसले पर बात बनी कि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआइ का चेयरमैन नियुक्त किया जाए। गांगुली पहले से ही इस रेस में काफी आगे थे, जबकि पूर्व भारतीय बल्लेबाज बृजेश पटेल इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL के चेयरमैन के रूप में उभर कर आए।

मैं नई चुनौतियों को लेकर खुश हूं- गांगुली

सौरव गांगुली ने कहा है, “मैं इस नियुक्ति को लेकर खुश हूं, क्योंकि यह वह समय है जब बीसीसीआई की छवि में बाधा आई है और मेरे लिए भारतीय क्रिकेट के लिए कुछ करने का शानदार मौका है। चाहे आप निर्विरोध चुने जाएं या फिर किसी भी तरह, यह एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि यह क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। भारत क्रिकेट के रूप में एक पॉवरहाउस की तरह है। यह मेरे लिए एक चुनौती होगी”

IPL चेयरमैन पद भी गांगुली को हुआ ऑफर

47 वर्षीय सौरव गांगुली को आइपीएल के चेयरमैन का पद भी ऑफर हुआ था, लेकिन उन्होंने रविवार की शाम को ही इस पद को लेने से मना कर दिया। हालांकि, सौरव गांगुली जुलाई 2020 तक ही बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं, क्योंकि ये बोर्ड के नए नियम हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली बीते 5 साल से क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल(CAB) के अध्यक्ष हैं।

बीसीसीआइ के नए नियमों के मुताबिक, एक एडमिनिस्ट्रेटर केवल 6 साल के लिए अपनी सेवाएं दे सकता है। गांगुली ने कहा है, “ये नियम है। इसलिए हमें इसे स्वीकार करना होगा। मेरी पहली प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों को लेकर होगी। मैंने कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स(CoA) से बात की है। रणजी टीम के खिलाड़ियों को भी अच्छा पैसा मिलना चाहिए।”