नई दिल्ली,। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण आई वैश्विक महामारी के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान शुक्रवार को घटाकर 1.8 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने कहा कि बाद में वृद्धि दर में सुधार होने की उम्मीद है और यह 2021-22 में बढक़र 7.5 प्रतिशत रह सकता है।

एसऐंडपी ने 2020-21 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 5.2 प्रतिशत से घटाकर मार्च में 3.5 प्रतिशत कर दिया था। एजेंसी ने कहा, ‘हम ऐसा मान कर चल रहे हैं कि सामुदायिक संक्रमण का पहला चरण मार्च में चीन में अपने उच्च स्तर पर था और इस क्षेत्र की अधिकांश अन्य अर्थव्यवस्थाओं में यह अप्रैल में उच्च स्तर पर रहेगा। भारत और इंडोनेशिया जैसे कुछ उभरते बाजारों में संक्रमण के मामलों का उच्चतम स्तर कुछ देर से तीसरी तिमाही की शुरुआत में सामने आने के अनुमान हैं।’

एसऐंडपी ने 2020 में एशिया प्रशांत क्षेत्र की वृद्धि दर 0.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। एजेंसी ने कहा कि इस दौरान चीन की वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रह सकती है, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

इससे पहले प्रतिस्पर्धी एजेंसी फिच ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को भारत की वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत रहने तथा विश्वबैंक को 1.5 प्रतिशत से 2.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।