लगातार बढ़ रहे दाम को देखते हुए मंडी समिति ने प्याज की जमाखोरी पर नकेल कसने के लिए कमर कस ली है। पूर्ति विभाग व मंडी समिति के अधिकारियों ने नवीन मंडी में प्याज के थोक व्यापारियों की फर्मों पर स्टॉक की जांच की। इस दौरान टीम ने प्याज की स्टॉक सीमा, उपलब्धता और पूर्ति, रजिस्टर में स्टॉक एंट्री समेत अन्य व्यवस्थाएं देखीं।

प्याज के दाम काबू में नहीं आने से आमजन से लेकर अधिकारी तक परेशान हैं। जिलाधिकारी व शासन के आदेश पर डीएसओ जसवंत सिंह कंडारी और मंडी समिति सचिव विजय थपलियाल के नेतृत्व में मंडी समिति की टीम ने विभिन्न प्याज की फर्मों का निरीक्षण किया।

सचिव थपलियाल ने बताया कि फर्मों के स्टॉक केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित भंडारण क्षमता के अनुरूप ही पाए गए। बताया कि थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा 200 कुंतल है। नवीन मंडी में 243 कुंतल प्याज की आवक दर्ज हुई। इसमें मुख्यत: अलवर का प्याज शामिल है। बताया कि जल्द नासिक से भी प्याज आने की संभावना है, जिसके बाद प्याज के दाम काबू में आ जाएंगे।
सस्ते काउंटर पर घटी बिक्री

निरंजनपुर स्थित मंडी परिसर में सस्ते प्याज के दो काउंटर लगे हैं, जिनमें 16 कुंतल प्याज बिका। वहीं, मंगलवार को यहां 24 कुंतल प्याज की बिक्री हुई थी। मंडी निरीक्षक अजय डबराल ने बताया कि अलग-अलग किस्मों के हिसाब से 60 से 75 रुपये के दाम पर प्याज दिया गया।

राशन की दुकानों पर फिर मिलेगा प्याज

आम आदमी को राहत देने के लिए जिलाधिकारी के आदेश पर पूर्ति विभाग ने राशन की दुकानों पर प्याज रखवाना शुरू किया था। लेकिन बढ़ते दाम और कम गुणवत्ता के चलते यह व्यवस्था बंद हो गई। डीएसओ जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि राशन की दुकानों पर नए मूल्यों और अच्छी गुणवत्ता के साथ प्याज दोबारा रखवाया जाएगा।