विधानसभा में चौथे दिन कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में 28 अनुदान मांगों समेत 2533.90 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट समेत आठ विधेयक भी पारित हुए। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।

भोजनावकाश के बाद दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही श्राइन बोर्ड के गठन के विरोध में कांग्रेस विधायकों मनोज रावत, प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, ममता राकेश, फुरकान अहमद व आदेश चौहान ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की। बाद में विधायक वेल में ही धरने पर बैठ गए। पीठ के समझाने-बुझाने के बाद भी विधायक वेल से नहीं उठे। इस बीच करीब 45 मिनट तक सदन की कार्यवाही जारी रही।

इस दौरान सरकार ने उत्तराखंड विनियोग (2019-20 का अनुपूरक) विधेयक, 2019 को पारित कराया। सदन में वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय व अन्य सेवाओं के लिए 379 करोड़ 85 लाख 73 हजार रुपये, पुलिस व जेल के लिए 57 करोड़ 26 लाख 24 हजार, शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण, संस्कृति के लिए 288 करोड़ एक लाख 73 हजार रुपये, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 62 करोड़ 73 लाख 98 हजार रुपये, जलापूर्ति, आवास, नगर विकास के लिए 372 करोड़ 85 लाख छह हजार रुपये, लोक निर्माण को 237 करोड़ 90 लाख समेत 27 अनुपूरक मांगों को स्वीकृति मिली।

ये सात विधेयक हुए पारित

-उत्तराखंड पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) विधेयक, कारखाना (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक, संविदा श्रम (विनियमन एवं उत्सादन)(उत्तराखंड संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन)(संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय विधेयक।