जम्मू। केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का एक साझा उच्च न्यायालय रहेगा। यह जानकारी राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक राजीव गुप्ता ने रविवार को दी। गुप्ता ने कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों पर 108 केंद्रीय कानून लागू होंगे जबकि राज्य के 164 कानून निष्प्रभावी हो जाएंगे जबकि 166 राज्य कानून लागू रहेंगे। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। संसद ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने को लेकर विधेयक भी पारित कर दिया था।

गुप्ता ने एसजेए द्वारा जम्मू प्रांत के न्यायाधीशों के लिए आयोजित एक सत्र में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का जम्मू-कश्मीर कानूनों और लंबित मामलों पर क्या असर पड़ेगा, इस पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर विधानसभा गठित होगी लेकिन केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी क्योंकि इसे सीधे तौर पर केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए साझा उच्च न्यायालय होगा और उच्च न्यायालय में वकालत के लिए नियम और प्रक्रियाएं पहली वाली ही रहेंगी।