उत्तराखंड में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में हो रही कार्रवाई की आंच उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित प्रतिष्ठित दयानंद शिक्षण संस्थान तक पहुंच गई। संस्था के अधीन देहरादून के प्रेमनगर में संचालित ऐकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में 4.31 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ में आया है। इस सिलसिले में एसआइटी ने संस्था के सचिव मानवेंद्र स्वरूप और एक दलाल को गिरफ्तार कर लिया। दलाल भाजपा से जुड़ा बताया जा रहा है। कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। बता दें कि मानवेंद्र स्वरूप राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं। उनके पिता जगेंद्र स्वरूप और बाबा वीरेंद्र स्वरूप लंबे समय तक एमएलसी रहे हैं।

एसआइटी ने फरवरी में प्रेमनगर थाने में ऐकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में छात्रवृत्ति घोटाले का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि संस्थान ने शैक्षणिक सत्र 2012-13 से 2015-16 के मध्य समाज कल्याण विभाग की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 4.31 करोड़ रुपये का घपला किया। बैंक डिटेल, पंजीकृत छात्रों और संस्थान से उत्तीर्ण छात्रों का ब्योरे की जांच के बाद सामने आया कि मैनेजमेंट संस्थान में सैकड़ों फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति के रूप में यह राशि हड़पी। यही नहीं, फेल छात्रों को भी पास दिखाकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति का गबन किया गया।

इस सिलसिले में एसआइटी ने जांच के बाद दयानंद शिक्षण संस्थान के सचिव मानवेंद्र स्वरूप को नामजद किया। बुलाने के बाद भी पेश न होने पर एसआइटी ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया। आरोपित मानवेंद्र स्वरूप मैनेजमेंट स्टडीज संस्थान के संयुक्त सचिव और अधिकृत हस्ताक्षरी भी हैं। एसआइटी आरोपित मानवेंद्र स्वरूप को कानपुर से गिरफ्तार कर बुधवार को देहरादून लेकर आई। यहां प्रेमनगर थाने में उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद एसआइटी ने इसी घपले में विकासनगर निवासी राकेश तोमर को भी गिरफ्तार कर लिया। तोमर एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज का एजेंट था।

अब तक 48 मुकदमे

उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसआइटी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। लगभग पांच सौ करोड़ से अधिक का घोटाले होने की आशंका जताई जा रही है। अभी तक 48 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। इसमें ज्यादातर घोटाले सफेदपोश और रसूखदारों के संस्थानों में सामने आए हैं। इधर, घोटाले की धीमी जांच पर हाईकोर्ट हालिया दिनों में नाराजगी भी जाहिर कर चुका है।

आइजी (एसआइटी) संजय गुंज्याल का कहना है कि छात्रवृत्ति घोटाले की एसआइटी की दो यूनिटें जांच कर रही हैं। अभी तक की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि संगठित गिरोह बनाकर घोटाला किया गया। इसमें जो भी शामिल हैं, उनकी गिरफ्तारी की जाएगी, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हों।