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नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लॉकडाउन में थमी जम्मू कश्मीर की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से पार्टी नेताओं से बात की और उन्हें सक्रिय रहने को कहा। साथ ही पार्टी कैडर व आम लोगों के साथ संपर्क बनाए रखते हुए उनकी मदद का आह्वान किया है।
राज्य के पुनर्गठन के बाद उनकी पार्टी नेताओं संग पहली बैठक है। हिरासत के दौरान अवश्य नेशनल कांफ्रेंस का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। फिलहाल उमर ने भले ही राजनीति की बात नहीं की हो लेकिन जम्मू कश्मीर की सियासत पर नजर रखने वालों के मुताबिक इस कांफ्रेंस को सियासत से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन हमेशा नहीं रहेगा और कोरोना के साथ ही हमें जीने की आदत डालनी है। इसलिए उमर की बैठक इस बात का संकेत है कि उन्होंने पार्टी कैडर को फिर से एकजुट करते हुए सक्रिय करना शुरू कर दिया है।
यहां बता दें कि उमर अब्दुल्ला को प्रदेश प्रशासन ने राज्य के पुनर्गठन के फैसले से पूर्व एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। उन्हें मार्च माह में प्रशासन ने पीएसए से मुक्त कर दिया था। रविवार को नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उमर ने कहा कि हमें इस मसले पर सियासत नहीं करनी है और न यह मौका सियासत का है। हमें किसी व्यक्ति विशेष की तकलीफ को दूसरों पर नहीं लादना है और न उस पर सियासत करनी है।
उन्होंने कहा कि चु़नौतीपूर्ण हालात में आम लोगों की मदद करने के लिए हमेशा अगले मोर्चे पर रहना चाहिए। उन्होंने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को मौजूदा हालात में पीडि़त लोगों की हरसंभव मदद करने के लिए कहा। हमें हाईवे के आसपास श्रमिकों व अन्य लोगों की मदद करने के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण अमीर-गरीब या किसी जाति का लिहाज नहीं करता, यह पूरी मानवता के लिए खतरा है।उन्होंने बांग्लादेश में फंसे जम्मू कश्मीर के नागरिकों को वापस लाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि ओमान, दुबई और अन्य देशों से भी जम्मू कश्मीर के नागरिकों को वापस लाया जाएगा।
हमारे कार्यकर्ता कर रहे मदद
जम्मू संभाग के नेकां प्रधान देवेंद्र राणा ने बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे सभी नेता और कार्यकर्ता कोरोना से पैदा हालात में आम लोगों तक हरसंभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। नेकां के वरिष्ठ नेता रत्न लाल गुप्ता ने कहा कि इस बैठक से पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। बैठक में प्रदेश के हालात पर भी विचार-विमर्श हुआ है, लेकिन सियासत पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई।
वापसी के मौके की तलाश में हैं उमर
विश्लेषकों के अनुसार उमर नेशनल कांफ्रेंस की सियासी गतिविधियों को फिर से शुरू करने और शक्ति प्रदर्शन के लिए सिर्फ एक उचित मौके की तलाश में हैं। वह चाहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान यथासंभव प्रत्येक नेता और कार्यकर्ता से संपर्क बना रहे।