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शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस, राज्य महामंत्री व वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिप्र इंटक राजीव राणा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यवसायी ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत शामिल नहीं किये जाने से आहत हैं।
राणा ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत ट्रांसपोर्ट सेक्टर की अनदेखी को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर कोई ध्यान ही नहीं दिया यह सरकार की विफल और प्रबंधन की कार्यशैली में ट्रांसपोर्टर्स के साथ एक भद्दे मजाक को दर्शाता है। राजीव राणा ने कहा कि इस संकट के समय ट्रांसपोर्ट उद्योग मोटर बीमा, नेशनल परमिट, डीएल, गुड्स टैक्स, वाहनों की ईएमआई बढ़ाये जाने, ब्याज मॉफी या इससे तत्काल राहत जैसे उपाय की उम्मीद कर रही थी, लेकिन सरकार ने कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट उद्योग ने कभी भी सरकार से सीधे आर्थिक पैकेज की कभी भी मांग नहीं की है। लेकिन आज 70 फीसदी ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ठप्प है। उन्होंने कहा कि ऐसा आंकलन है कि इस सेक्टर को उबरने में 7 से 8 महीने का व़क्त लग सकता है। उन्होंने बताया, “इस सेक्टर में 80 फीसदी लोग छोटे ट्रांसपोर्टर हैं, जिनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि कमाई नहीं हो रही है, ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स अपने ट्रकों का प्रीमयम कैसे भरेंगे। राजीव राणा ने कहा कि एमएसई सेक्टर कमाने के बाद टैक्स भरता है, लेकिन ट्रासंपोर्ट सेक्टर में पहले टैक्स भरना पड़ता है। देश भर में 20 करोड़ से ज्यादा लोग इस सेक्टर के जरिये प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से जुड़े हैं। राजीव राणा ने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की सरकार से इंटरेस्ट को कुछ दिनों के लिये टालने की मांग का समर्थन किया है।