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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से उपजी चुनौतियों की तुलना महाभारत युद्घ से की है। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से संवाद के दौरान पीएम ने कहा कि महाभारत के खिलाफ हमने 18 दिनों में युद्घ जीता था। अब कोरोना के खिलाफ 21 दिनों में युद्घ जीतने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम ने यह भी कहा कि महाभारत युद्घ के दौरान भगवान कृष्ण ने सारथी की भूमिका निभाई अब इस युद्घ को हमें 130 करोड़ महारथियों की मदद से जीतना है।
संवाद के दौरान पीएम ने काशी की अतीत मेंं निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से पार पाने के लिए काशीवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है। काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन, समयातीत है और इसलिए वर्तमान लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को संयम, समन्वय, संवेदनशीलता के साथ सहयोग, शांति, सहनशीलता देश को सिखा सकती है।
आपदा को अवसर में बदलें
पीएम ने कहा कि यह आपदा बेहद बड़ी है। हालांकि आपदा को अवसर में बदलना ही मानव जीवन की विशेषता है। मानव जाति वैश्विक संकट से जीतने के लिए एक साथ आगे आई है। हमें पता होना चाहिए कि इस महामारी पर रोक लगाने के लिए कोई दवाई या वैक्सीन दुनिया में नहींं है। अपना देश और पूरी दुनिया इसके हल के लिए पूरी ताकत लगा रही है। फिलहाल सामाजिक दूरी ही इसका विकल्प है। हमें इसके प्रति अपना संकल्प मजबूत करना है।
कोरोना वारियर्स के साथ व्यवहार पर जताया दुख
पीएम ने कोरोना वारियर्स के साथ हुई कुछ घटनाओं पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों से ऐसी घटनाओं की जानकारी भी मिली है, जिससे हृदय को चोट पहुंची है। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि अगर ऐसी कोई गतिविधि कहीं दिख रही है। कहीं आपको डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ के साथ कोई बुरा बर्ताव होता दिख रहा हो तो आप वहां जाकर लोगों को समझाएं। हमें समझना होगा कि ये लोग किन विकट ं परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ 18-18 घंटे काम कर रहे हैं।
नवरात्र के जरिए अपील
पीएम ने इस दौरान नवरात्र के जरिए जरूरतमंदों के मदद की अपील की। उन्होंने कहा अभी नवरात्र शुरू हुआ है। अगर हम अगले 21 दिन तक, 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें, तो इससे बड़ी आराधना मां की क्या होगी। इसके अलावा आपके आसपास जो पशु हैं, उनकी भी चिंता करनी है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री स्नेह, करुणा और ममता का स्वरूप हैं। उन्हें प्रकृति की देवी भी कहा जाता है। आज देश जिस संकट के दौर से गुजर रहा है, उसमें हम सभी को मां शैलपुत्री के आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता है।