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  • चंडीगढ़, 30 अक्तूबर – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार किसान हितैषी सरकार है और इस बार भी गन्ना किसानों के लिए हितकारी निर्णय लिया जाएगा। निश्चित तौर पर इस बार सरकार गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करेगी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद आगामी दिनों में निर्णय लिया जाएगा।

    कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री आज यहां गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

    श्री जे पी दलाल ने कहा कि हरियाणा में गन्ने का भाव देश में हमेशा सर्वाधिक रहा है। केवल एक बार पंजाब ने हमसे अधिक रेट बढ़ाया था। लेकिन पंजाब में गन्ना किसानों को भुगतान की स्थिति सही नहीं है। जबकि हरियाणा सरकार ने तो पिराई सीजन 2022-23 के दौरान गन्ना किसानों को 2819 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

    पिछ्ले वर्ष के मुकाबले इस बार गन्ने की पिराई और रिकवरी में हुई है वृद्धि

    कृषि मंत्री ने बताया कि बैठक में गन्ना किसानों व मिलों की स्थिति, चीनी के भाव, पिछले वर्ष का आंकलन करने सहित भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि गन्ना पिराई सीजन 2021-22 के दौरान विभिन्न चीनी मिलों द्वारा 754.50 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई तथा चीनी की रिकवरी 9.47 प्रतिशत थी। जबकि इस बार पिछ्ले वर्ष के मुकाबले गन्ने की पिराई और रिकवरी में वृद्धि है। गन्ना पिराई सीजन 2022-23 में विभिन्न चीनी मिलों द्वारा 770.73 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई तथा चीनी की रिकवरी 9.70 प्रतिशत रही। जबिक वर्ष 2023-24 में कुल 962 लाख क्विंटल गन्ने के उत्पादन का अनुमान है।

    उन्होंने कहा कि पिराई सीजन 2022-23 के दौरान राज्य की विभिन्न चीनी मिलों द्वारा (केवल नारायणगढ़ शुगर मिल को छोड़कर) गन्ना किसानों को 2819 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने चीनी मिलों को लगभग 194 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई, ताकि किसानों को नुकसान न हो।

    गन्ने की नई किस्म 15023 को बढ़ावा देने के लिए बीज विकास पर दिया जाएगा ध्यान

    श्री जेपी दलाल ने कहा कि गन्ने की नई किस्म 15023 विकसित की गई है, जो वर्तमान में चल रही किस्म 238 से कई बेहतर है। इसलिए विभाग के अधिकारियों को इस किस्म के बीज को तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सरकार द्वारा वर्तमान में जिस किसान ने नई किस्म का गन्ना उगाया हुआ है, उस किसान से गन्ना लेकर नये किसानों को बीज तैयार करने के लिए गन्ना दिया जाएगा। इसके लिए दोनों किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

    उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए विकल्प के तौर पर मिलों में एथोनॉल प्लांट लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एथेनॉल निकालने की 3 तकनीकें हैं और बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि तीनों तकनीकों का अध्ययन किया जाए, ताकि मिलों को वाणिज्यिक रूप से लाभ हो। निजी मिलों में पहले से ही एथोनॉल प्लांट चल रहे हैं और उन्होंने अपनी क्षमता भी बढ़ाई है।

    पराली जलाने की घटनाएं हरियाणा से 4-5 गुणा ज्यादा पंजाब में हो रही हैं

    दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण के लिए हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराये जाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए श्री जे पी दलाल ने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं न मात्र हैं, जबकि हमसे 4-5 गुणा ज्यादा घटनाएं पंजाब में हो रही हैं। नासा की सैटेलाईज इमेज से भी इस बात का खुलासा हो चुका है। यदि प्रदूषण की बात करें तो पंजाब का धुआं हरियाणा होकर दिल्ली जाता है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य को अपने यहां पराली जलाने की घटनाओं को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली प्रबंधन पर हमारी सरकार ने उल्लेखनीय काम किया है। किसानों को पराली के लिए लाभकारी मूल्य देने के साथ-साथ बेल तैयार करने के लिए सब्सिडी पर मशीनें भी उपलब्ध करवाई हैं। इसलिए हरियाणा के किसानों को बदनाम न करें।

    प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं

    एक अन्य सवाल के जवाब में श्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। पिछले वर्ष सितंबर-अक्तूबर इन दो महीनों में 2.23 मीट्रिक टन खाद किसानों को वितरित किया गया था। जबकि इस वर्ष 2.46 मीट्रिक टन खाद हम किसानों को दे चुके हैं। 50 हजार मीट्रिक टन का स्टॉक अभी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग झूठे बयान देकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि वास्तविक्ता यह है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है।

    बैठक में सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री विजेंद्र कुमार, हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ के प्रबंध निदेशक श्री संजय जून, कृषि विभाग के निदेशक श्री नरहरि सिंह बांगड़ सहित बोर्ड के गैर-सरकारी सदस्य व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।