देहरादून। दुनिया के 185 से ज्यादा देशों पर कोरोना का कहर जारी हैं, अब तक करीब 11000 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन कोरोना में अब तक 3200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना को लेकर एक स्टडी में पाया गया कि नोवल कोरोना का संक्रमण प्रेग्नेंट महिला से उसके बच्चे में नहीं होता और नवजात को कोई हेल्थ संबंधी समस्या नहीं होती है।
चीन में महिलाओं ने सामान्य महिलाओं की तरह नवजात को जन्म दिया और उनमें कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए। डॉ0 सुजाता संजय, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर ने बताया कि गर्भावस्था रान गर्भ में पल रही नन्हीं जान के लिए मां हर तरह की सावधानी बरतती है। क्योंकि इस दौरान मां सिर्फ अपना शरीर ही नहीं बल्कि अपनी इम्युनिटी पावर भी बच्चे के साथ बांट रही होती हैं। जहां हर तरफ कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है, वहीं गर्भवती महिलाओं को थोड़ा सतर्क रहना जरूरी हैं। ये इसलिए क्योंकि गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की संभावना सामान्य के विपरित अधिक होती है। लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है, सही समय पर सही सावधानियां आपकी पूरी मदद करेंगी। कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया हैं कि मानव किसी देश मे रह रहा हैं वह कभी भी इस तरह की आपदा से प्रभावित हो सकता है। कोरोना वायरस (कोविड-19) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण के जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बुखार, खाँसी, सांस लेने में तकलीफ आदि इसके लक्षण हैं, अब तक इस वायरस फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है। डॉ0 सुजाता संजय ने बताया कि शरीर के लिए बीमार होना वैसे ही बहुत कष्टदायक होता है, ऐसे में अगर कोई गर्भवती हैं तो उसको चितिंत होना स्वाभाविक है, हालांकि इस बीमारी के लक्षण बुखार, खाँसी, सांस लेने में तकलीफ आदि आम फ्लू के ही होते हैं। लेकिन इस कोरोना वायरस के दौरान यही आम से लक्षण आपके लिए मिनटों में जानलेवा बन जाते हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है। थोडी सी सावधानी मां एवं नवजात शिशु को जीवनदान दे सकती है। ’गर्भवती महिला अपनी सेहत का बेहतर ढंग से ख्याल रखें और अपने आस पास के महौल को साफ सुथरा रखें’ हाथों को साफ रखने के लिए उन्हें पानी और साबुन से अच्छे से धोएंसाफ-सफाई के साथ मास्क पहने ज्यादा जरूरी है हाथों को साफ रखना’ ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लें, बॉडी को हाइड्रेटेड रखें और यह सुनिश्चित करें कि आप किसी तरह का प्री नेटल सपलीमेंट या ड्रिंक मिस तो नहीं कर रहीं। ’जरा सी भी तबियत खराब महसूस हो या किसी भी तरह की परेशानी हो रही हो तो घर में रहकर आराम करें’ अपनी मर्जी से दवा न लें, क्योंकि कुछ दवाएं गर्भधारण के दौरान आपके शरीर के लिए कठोर साबित हो सकती हैं। इसलिए शरीर में हो रहें हर बदलाव को लेकर डॉक्टर से जरूर बातचीत करें। ’अगर आपको इसके ज्यादा लक्षण महसूस हो रहें हैं तो बेहतर होगा कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच करवाएं। डॉ0 सुजाता संजय ने बताया सावधानी के तौर पर डॉक्टर संक्रमित महिलाओं से उनके नवजातों को 14 दिन के लिए अलग रखा जासकता है। नवजात कों ब्रेस्ट फीडिंग न कराने का सुझाव दिया जाता है।