देहरादून। उत्तराखंड में बारिश कहर बनकर बरस रही है। बीती रात टिहरी और चमोली जिले में बादल फटने से जनहानि हुई है। टिहरी जिले में मां-बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि चमोली में मां-बेटी लापता बताई जा रही हैं। साथ ही कई पुलिया भी बह गए है। सूचना पर पुलिस-प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।
उधर, रुद्रप्रयाग में अगस्त्यमुनि में भारी बारिश के लोगों के घरों में पानी और मलबा घुस गया। दूसरी ओर, गंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी के पास बंद है। वैकल्पिक मार्ग से यातायात सुचारु है। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट व ओरछा बैंड के पास भूस्खलन होने से बंद है, जबकि उत्तरकाशी लंबगांव घनसाली मार्ग धौंतरी कोडार के बीच भूस्खलन होने से बंद है। उधर, राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले चार दिनों तक मौसम इसी तरह का बना रहेगा। कुछ स्थानों पर छिटपुट बारिश हो सकती है।
टिहरी में मकान ध्वस्त होने से मां-बेटा जिंदा दफन
टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में बीती रात लगभग ढाई बजे भारी बारिश हुई। इससे पट्टी नैलचामी में थार्ती गांव में एक मकान के पीछे मलवा आने से घर पूरी तरह से मलबे में दब गया है। इसमें मां और बेटे की मलबे में दबकर मौत हो गई। मकानी देवी (34 वर्ष) और उसका बेटा सुरजीत (5 वर्ष) मलबे में दब गए। जिससे उनकी मौत हो गई। मकानी देवी की बेटियां सपना और ईशा घायल है, वहीं मकानी देवी के ससुर शंकर सिंह और सास बच्चन देई भी मलबे में दबने से घायल हैं। मकानी देवी की बेटी सपना को ज्यादा घायल होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि सास और सासुर को पिलखी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो कमरों का मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। ग्रामीणों ने ही रात को अपने प्रयासों से घायलों को मलबे से निकाला। गांव जाने वाली सड़क भी बंद है, जिससे घायलों को ग्रामीण पैदल ही लेकर अस्पताल पहुंचे। पट्टी नैलचामी के ठेला गांव के ऊपर भी बादल फटने से ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि साथ ही जखनियाली गांव के श्रीयाल गांव तोक में जाने वाला पैदल पुल भी ध्वस्त हो गया है। इससे ग्रामीणों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। बीती रात से बिजली और मोबाइल सेवा ध्वस्त है।
गदेरा आया उफान पर, मां-बेटी लापता
चमोली जिले के चौकी देवाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम उलनग्रा, तलोर, पदमल्ला, बामन बेरा, फलदिया गांव में देर रात गांव के पीछे जंगल में बादल फटने से उक्त गांव में भारी मलबा आ गया। इससे फल्दिया गांव के बीचों बीच बहने वाला गदेरा (बरसाती नाला) उफान में आने से गांव के पुष्पा देवी (29) पत्नी रमेश राम और ज्योति (5 वर्ष) पुत्री रमेश राम लापता हैं। वहीं, गांव के 12 मकानों को क्षति पहंची है। साथही छह गाय और एक भैंस के मलबे में दबने की सूचना है। वहीं, अन्य गांवों में भी मकानों एवं खेतों में काफी नुकसान पहुंचा है। पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ मौके पर पहुंच गई है। लोगों को आवश्यक सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। गांव के 12 परिवारों को गांव के प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल में रहने की व्यवस्था करवाई गई है।
अगस्त्यमुनि में घरों में घुसा पान
रुद्रप्रयाग जिले में पूरी रात बारिश हुई। इससे अगस्तमुनि में कई घरों में पानी घुस गया। वहीं मंदाकिनी नदी खतरे के निशान पर बह रही है। गौरीकुंड हाईवे तीन स्थानों पर बंद है। केदारनाथ समेत पूरे जनपद में गत रात्रि से जोरदार बारिश जारी है। बारिश के कारण अगस्त्यमुनि में देर रात छोटे छोटे कई गदेरे उफान पर बहने लगे। इससे कई दुकानों व लोगों के घरों में पानी व मलबा घुस गया। बारिश के कारण मंदाकिनी नदी का जलस्तर 5 मीटर अधिक बढ़कर खतरे के निशान पर बहने लगा है, जबकि अलकनंदा नदी भी खतरे के निशान से मात्र एक मीटर नीचे बह रही है। गौरीकुंड हाईवे बांसवाडा, कुंड और फाटा के पास अवरुद्ध चल रहा है।