हमीरपुर,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): सुजानपुर के विधायक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश का पर्यटन उद्योग तबाही के कगार पर खड़ा है और इस उद्योग से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है । ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि प्रदेश में पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाने और इसे पुनर्जीवित करने के लिए सरकार क्या योजना अमल में लाने जा रही है ।
राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार इस साल पर्यटन सीजन बिल्कुल शून्य हो गया है। प्रदेश में करीब छह हजार होटल, होम स्टे और रेस्टोरेंट दो माह से बंद पड़े हैं जिससे पर्यटन कारोबार को करोड़ों की चपत लगी है। जिन उद्यमियों ने बैंकों से भारी-भरकम लोन लेकर होटल बनाए हैं, उनके लिए लोन की किस्तें भरना मुश्किल हो गया है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि पिछले साल कश्मीर में हालातों के चलते लगातार कश्मीर बंद रहने से वहां सैलानी नहीं गए थे और हिमाचल प्रदेश के पास सैलानियों को आकर्षित करने का सुनहरा मौका था लेकिन प्रदेश सरकार ने रोजगार पैदा करने वाले प्रदेश के इस सबसे बड़े उद्योग के प्रति उदासीन रवैया अपनाए रखा और इस साल कोरोना संकट ने सूबे में पर्यटन कारोबार की कमर तोड़कर रख दी है। उन्होंने कहा कि अगर पिछले साल के आंकड़ोंं पर गौर करें तो राज्य में सैलानियों की संख्या 1.72 करोड़ रही थी, जिनमें से अकेले 50 लाख देसी और विदेशी सैलानी मार्च से मई के महीने में ही प्रदेश में आए थे। राणा ने कहा कि अमूमन बीस मार्च के बाद से प्रदेश में सैलानियों की आमद शुरू हो जाती है। अप्रैल और मई में समर सीजन चरम पर रहता है।
मैदानी राज्यों में तपती गर्मी से निजात पाने और स्कूल में छुट्टियां होने से लाखों सैलानी हिमाचल आते हैं, जिससे पर्यटन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों की रोजी-रोटी चलती है। उन्होंने कहा पर्यटन उद्योग से टैक्सी, धोबी, वेटर, खानसामा, सब्जी ,फल अंडा व मीट विक्रेताओं सहित अनेक लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजी रोटी हासिल होती है लेकिन इस उद्योग पर पड़ी मार से सभी के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने तुरंत कोई प्रभावी कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में नहीं लाया और प्रदेश के पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में प्रदेश का पर्यटन पूरी तरह चौपट हो सकता है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि सरकार की पर्यटन नीति भी कागजों से आगे नहीं बढ़ पाई है और जिस इन्वेस्टर्स मीट के तामझाम पर सरकार ने पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाये थे, उसका भी धरातल पर कोई नतीजा नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस उदासीन रवैया से पर्यटन कारोबार से जुड़े हताश व परेशान हैं, जबकि सरकार को आए रोज नई अधिसूचना जारी करने और उन अधिसूचनाओं में संशोधन करने से ही फुर्सत नहीं मिल रही।
तबाही के कगार पर खड़ा है प्रदेश का पर्यटन उद्योग: राजेंद्र राणा
Related Posts
भोरंज के बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार और भी अवसर मिलेंगे : राजीव राणा
5 / 100 Powered by Rank Math SEO भोरंज : भोरंज विधानसभा सभा तहसील हेड क्वाटर बस्सी में को होटल सन स्काई में रोज़गार मेला 2024 का आयोजन किया गया…
भोरंज के बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार के नये अवसर : राजीव राणा
1 / 100 Powered by Rank Math SEO Shimla: भोरंज विधानसभा सभा तहसील हेड क्वाटर बस्सी में 29 जुलाई को होटल सन स्काई में रोज़गार मेला 2024 का आयोजन किया…