वीएस चौहान की रिपोर्ट
दुनिया की सबसे बड़ी सुरंग भारत के रोहतांग पास दर्रे में बनाई गई है। इस सुरंग के बनने से मनाली से लेह की बीच की दूरी लगभग 46 किलोमीटर घट गई है। दुनिया की सबसे बड़ी टनल का नाम “रोहतांगपास “में “अटल टनल” है। मनाली से “रोहतांगपास” पहुंचकर भारत के प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने शनिवार को “अटल टनल” का उद्वघाटन किया।
यह टनल लगभग 9 किलोमीटर लंबी है,। जोकि रोहतांग पास से लेह- लद्दाख को जोड़ती है। इस टनल के बनने से मनाली रोहतांग पास से लेह लद्दाख का रास्ता 46 किलोमीटर कम हो गया है। यहां से 3000 वाहन 1500 ट्रक आसानी से गुजर सकेंगे। बताया जाता है। इस अटल टनल में 80 किलोमीटर की रफ्तार से वहां दौड़ेंगे। अटल सुरंग के अंदर हर 500 मीटर पर आपातकालीन द्वार बनाए जा रहे हैं
अति आधुनिक ढंग से बनाई गई इस सुरंग में वेंटिलेशन डग भी लगाए गए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जो आने जाने वाले वाहनों पर निगाह रखेंगे। सुरक्षा के लिहाज से इस सुरंग के साथ आपातकालीन सुरंग भी बनाई जा रही है।
दुनिया की सबसे लंबी सुरंग निर्माण का सपना हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी ने देखा था। बाद में जिसको हमारे देश के लोकप्रिय स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने पूरा किया। रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक महत्त्व की दृष्टि से सुरंग बनाने का ऐतिहासिक फैसला 3 जून सन 2000 को लिया गया था।
उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थे ।उन्होंने तेलंग में एक जनसभा के दौरान इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। उन्होंने इस सुरंग के निर्माण के लिए आधारशिला 26 माई 2002 को मनाली आकर रखी थी। यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है ।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर 25 दिसंबर 2019 को स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 95 वीं जयंती पर जनसभा के दौरान हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चैनल का नाम “अटल टनल” रखा।
रोहतांग टनल के बाद अब बारालाचा दर्रा के नीचे 11.25 किलोमीटर लंबी सुरंग और लाल जोपना दर्रे में में 14.77 किलोमीटर लंबी सुरंग और तंग नगला दर्रे में 7.32 किलोमीटर लंबी नई सुरंग बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। बीआरओ ने इनकी फिजीबिलिटी रिपोर्ट पर काम करना शुरू कर दिया है।
मनाली से लेह के बीच रोहतांग सुरंग बनने से 46 किलोमीटर बारालाचा दर्रे से 19 किलोमीटर लाल जोपना से 31 किलोमीटर तंग लग्ना से 24 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी मनाली से लेह के बीच 14 घंटे लगते हैं।
यह अटल सुरंग बनने के बाद 12 घंटे का समय लगेगा ।सभी सुरंगों के बनने के बाद मनाली से लेह की दूरी लगभग 120 किलोमीटर कम हो जाएगी। और इस तरह मनाली से लेह के बीच 10 घंटे का समय लगेगा।
सर्दियों के मौसम में बर्फ पड़ने के कारण कई महीनों तक रास्ता बंद हो जाता था। लेकिन अब बर्फीले मौसम मौसम में भी लेह लद्दाख से मनाली वाहनों का आना-जाना जारी रहेगा।
यह टनल देश की सीमा सुरक्षा के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। क्योंकि लेह लद्दाख से लगी देश की सीमाओं पर सुरक्षा करने वाले भारतीय सैनिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस रोहतांग सुरंग से वर्ष भर आर्मी के साजो सामान, रसद ,हथियार किसी भी मौसम में लेह लद्दाख भारत की सीमाओं तक आसानी से पहुंच सकेगा।