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शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश द्वारा ब्लैक डे मनाया गया l संगठन 15 मई को ब्लैक डे के रूप में हर वर्ष मानता है क्योंकि 15 मई 2003 से हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की पेंशन बंद है l  इस वर्ष लॉकडाउन के चलते संगठन ने कानून का ध्यान में रखते हुए अपना ब्लैक डे मनाया, जिसमें अधिकतर कर्मचारियों ने अपने घरों में ही काला रिबन बांधकर नई पेंशन प्रणाली का विरोध किया lसंगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर तथा महासचिव भरत शर्मा ने कहा कि 15 मई कर्मचारियों के लिए वह दिन है जिस दिन कर्मचारियों की पुरानी पेंशन छीन ली गई और नई पेंशन के नाम पर कर्मचारियों तो एक धोखे की स्कीम दे दी गई ।

 

 जिसमें कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर उनके जमा पैसे का ब्याज मात्र ही मिलता है । प्रदीप ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां 15 मई 2003 से पेंशन बंद है । देश के अन्य राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पेंशन 1-1-2004 या उसके बाद से बंद हुई है !पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां के कर्मचारियों को पेंशन का प्रावधान अभी भी है !प्रदीप ठाकुर ने कहा कि नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ करोना महामारी के समय प्रदेश सरकार के साथ खड़ा है ! संगठन द्वारा 6 मई को सरकार को 2353396/- रुपए मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष के लिए भी सहायता के रूप में दिए गए । लेकिन संगठन अपनी एकमात्र मांग को सरकार के समक्ष समय-समय पर उठाता रहा है । 

 

6 मई को भी संगठन द्वारा सरकार को पुरानी पेंशन बहाली और केंद्र सरकार दिए गए लाभ जिसमें दिव्यांग एवं दिवंगत होने पर पुरानी पेंशन का लाभ कर्मचारियों को मिलता है संबंधित मांगपत्र माननीय मुख्यमंत्री को दिया गया । संगठन द्वारा सरकार को एक पत्र लिखा गया है जिसमें इस आर्थिक मंदी से बचने के लिए एक सुझाव संगठन की तरफ से सरकार को दिया गया है । पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है यदि सरकार कर्मचारियों के वेतन से काटा जाने वाला 10% और सरकार द्वारा दिया जाने वाला 14% शेयर यदि  अपने पास रखती है तो संगठन को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी ।क्योंकि यह पैसा सरकार के पास सुरक्षित रहेगा और इससे सरकार के कोष में  900 करोड़ सालाना आएंगे । यदि नई पेंशन स्कीम के नाम पर कंपनी को दिए गए पैसे को भी सरकार वापस लेती है तो इससे हिमाचल प्रदेश सरकार को 3000 करोड़ से भी अधिक आ सकते हैं ।प्रदीप ठाकुर ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों की मजबूरी है जिसके लिए कर्मचारियों द्वारा सरकार के समक्ष बार-बार यह मामला उठाया गया है ।

 

यदि सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करती है तो सरकार को भी इस आर्थिक मंदी से राहत मिल सकती है । उन्होंने कहा कि  पिछले 1 महीने में ही हिमाचल प्रदेश में 4 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है । जिसमें जिला मंडी शिक्षा विभाग से स्वर्गीय श्री पितांबर, जिला शिमला रामपुर स्वास्थ्य विभाग से स्वर्गीय श्रीमती श्यामा त्रेक, जिला शिमला से पुलिस विभाग में कार्यरत श्री दुर्गा दत्त और जिला मंडी से लोक निर्माण विभाग में कार्यरत स्वर्गीय श्री रामलाल इत्यादि है । उन्होंने कहा कि इन सभी कर्मचारियों ने 1 महीने में अपनी जान गवाई है और इनके परिवार को अब 1000 रुपए के आसपास ही पेंशन लग पाएगी ।

 

जिससे इनके परिवार को भविष्य में बहुत दिक्कत आने वाली है । प्रदीप ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार कम से कम कर्मचारियों का और सरकार का जो पैसा कंपनी को दे रही है उस पैसे को अपने पास रखे और जल्द से जल्द मई 2009 की केंद्र सरकार की  दिव्यांग एवं दिवंगत होने पर कर्मचारियों पुरानी पेंशन के प्रावधान की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से हिमाचल प्रदेश में लागू करे । उन्होंने कहा कि  आज 15 मई का दिन ब्लैक डे  के रूप में हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा पूरे हिमाचल प्रदेश में मनाया गया  जबकि सोशल मीडिया में पूरे भारतवर्ष के कर्मचारी हिमाचल के कर्मचारियों के साथ खड़े रहे ।ट्विटर पर भी देशभर के कर्मचारियों ने हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाली के लिए के बनाए गए ब्लैक डे का समर्थन किया ।