जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के ऐतिहासिक फैसले ने पूरी दुनिया की राजनीति में खलबली मचा दी है। मोदी सरकार ने सोमवार को अचानक बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया। इतना ही नहीं राज्य को दो भागों में बांटकर दोनों को केन्द्र शासित प्रदेश भी बना दिया। इस पूरे मसले पर बारीकी से नजर गड़ाए अमेरिका ने पहली बार इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ दी। नवभारत टाइम्स न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक आइए जानें अमेरिका ने आखिर क्या बयान दिया है।
मोदी सरकार ने साहसिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर समस्या का हल करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठा लिया। उन्होंने जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दोनों को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया। इसके साथ ही कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया और धारा 35ए को भी खत्म कर दिया। गृहमंत्री अमित शाह जैसे ही इस बिल को लेकर राज्यसभा पहुंचे और उन्होंने ऐलान किया, कांग्रेस समेत दूसरे दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि मोदी सरकार ने इस बिल को राज्यसभा से पास करवा लिया।
जम्मू कश्मीर में बड़े बदलाव के मामले पर चर्चा अब लगातार जारी है। लगातार प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। कांग्रेस इस कदम का विरोध कर रही है, हालांकि राहुल गांधी ने अब तक इस मसले पर कुछ नहीं कहा है। वहीं जदयू ने भी इस फैसले का विरोध किया है। वहीं संघ से लेकर भाजपा के दूसरे बड़े नेताओं ने इस फैसले को जम्मू कश्मीर के लोगों की जीत बताया है और वहां शांति बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार के फैसले पर पहली बार अमेरिका ने भी चुप्पी तोड़ दी। अमेरिका का विदेश मंत्रालय प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा है कि अमेरिका जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के फैसले के बाद वहां पर करीबी नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही अमेरिका ने सभी पक्षों से एलओसी यानि नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने की अपील की है। अमेरिका ने जम्मू कश्मीर में कार्रवाई को पूरी तरह से आंतरिक मामला बताया है