शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं सीबीआई निदेशक रहे अश्वनी कुमार की आत्महत्या मामले में पुलिस ने उनका मोबाइल फोन कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इसके अलावा सुसाइड नोट की भी पुलिस फोरेंसिक जांच करवा रही है। पूर्व आईपीएस अश्वनी कुमार ने बीती शाम छोटा शिमला स्थित मकान में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद पुलिस की टीम देर रात पर उनके मकान में आत्महत्या से जुड़े तथ्यों को खंगालने में जुटी थी। इस दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। पुलिस ने उसे कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। हालांकि, सुसाइड नोट में अश्वनी कुमार ने बीमारी की वजह से सुसाइड करने की बात कही है। इसमें लिखा है कि आज तक मैंने खुशी की जिंदगी जी है, आगे मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहता। अब मैं अगली यात्रा पर निकल रहा हूं। पुलिस के अनुसार अश्वनी कुमार कुछ समय से डिप्रेशन की दवाएं ले रहे थे। इन दवाओं को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी संजय कुंडू ने कहा है कि अश्वनी कुमार ने जो सुसाइड नोट लिखा है, उसमें उन्होंने इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया है। इधर, पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने बताया कि पूर्व आईपीएस अश्वनी कुमार के मोबाइल फोन को कब्जे में लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट के मिलान करने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।