हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विवि के अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संकाय में सोमवार को पेटेंट फाइलिंग प्रोसेसिंग के बारे में शिक्षकों और छात्रों को अवगत कराने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में पेटेंट अटॉर्नी अनुपम त्रिवेदी उपस्थित हुए। कार्यशाला का शुभारंभ प्रो. पंकज मदान ने किया। कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए अनुपम त्रिवेदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में यदि अपनी पहचान बनानी है तो अपने द्वारा समय-समय पर बनाए जाने वाले प्रोजेक्टों का पेटेंट जरूर कराएं ताकि आपके साथ विश्व विद्यालय को भी नई पहचाल मिल सके। आज के समय में पेटेंट कराना समय की आवश्यकता बन गया है। आपकी मेहनत का कोई दूसरा लाभ न उठाए इसके लिए पेटेंट कराना जरूरी है। पेटेंट के संबंध में प्रचलित मान्यताओं को खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि पेटेंट करने की प्रक्रिया अब काफी सरल है बस हमें तीन बातों का विशेष ध्यान रखना है। पेटेंट जिय विधा पर किया जा रहा हो वह बिल्कुल भिन्न और नई हो, विधा ऐसी होनी चाहिए जिसे कोई आसानी से सुझा न सके और उसका किसी न किसी तरह से उपयोगी हो सके। यदि यह तमाम बाते साथ में पूरी होती हों तो उस विधा का पेटेंट कराया जा सकता है। डॉ. पंकज मदान ने कहा कि पेटेंट के कई प्रकार हैं जो अलग अलग तरीके से किए जा सकते हैं। जिसमें डिजाइनिंग, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, ट्रेड सीक्रेट, ग्राफिक इंडीकेशन और प्लांट वैरायटभ् प्रमुख हैं। इस दौरान मुख्य रूप से मुरली मनोहर तिवारी, सुनील पंवार, मयंक अग्रवाल, अजय कुमार, लोकेश जोशी, तनुज गर्ग, निशांत कुमार, संजीव लांबा, प्रवीण पांडे, प्रतीक अग्रवाल, आशीष धामंदा, गजेंद्र सिंह, अश्वनी कुमार, सुमित, भुवन, बृजेश कुमार, शोभित आदि उपस्थित रहे।