देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा में बैकडोर एंट्री के नाम पर की गई मनमानी भर्तियों के विरोध में विधानसभा कूच किया। सभी आंदोलकारी विधानसभा के मुख्यद्वार से अलग विधानसभा के उस पिछले दरवाजे को देखने की जिद पर अड़े हुए थे, जिस तमाम मंचों पर तंज कसते हुए बैकडोर एंट्री नाम दिया जा रहा है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शहीद स्मारक सभागार में महिलाओं के 30 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगाने, भर्ती घोटालों, विधान सभा में बैक डोर एंट्री से नौकरी देने व अधीनस्थ चयन आयोग पेपर लीक कांड जैसे गम्भीर विषयों पर बैठक बुलाई गई थी। बैठक के बाद आंदोलनकारियों ने विधानसभा जाने का निश्चय किया तो एलआईयू सक्रिय हो गई। आनन फानन में विधानसभा के बाहर फोर्स जमा कर दी गई। लेकिन आंदोलनकारी विधानसभा जाने के बजाए उसके पिछले हिस्से में रिस्पना नदी के किनारे पुश्ते तक पहुंच गए। हालांकि वहां पर जगह न होने से आंदोलनकारी ज्यादा आगे नहीं जा सके। सांकेतिक रुप से विधानसभा का बैकडोर तलाशने के बाद आंदोलनकारी फ्रंट गेट पर जमा होकर गलत भर्तियां बंद करो..,रिश्ते नातेदारों की नौकरी लगाना बंद करो..,पिछले दरवाजे से भर्तियां बंद करो..जैसे नारे लगाने लगे। विधानसभा पर इस तरह के दृश्य देखकर आम लोग भी आपस में इस मुद्दे को लेकर चर्चा में मशगूल दिखे।
बैकडोर भर्तियों पर राज्य आंदोलनकारियों ने कसे तंज
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