शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के बाद बुधवार को दिए गए मुख्यमंत्री के जवाब पर कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार सुबह प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विपक्ष के लिए गलत शब्द इस्तेमाल किए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इन शब्दों को रिकॉर्ड से हटाने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री बोले, आपको दुख पहुंचाने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। विस अध्यक्ष विपिन परमार ने रिकॉर्ड की जांच के बाद इस बाबत फैसला लेने का आश्वासन दिया। करीब आधा घंटा पक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। मानसून सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल से पहले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। सीएम ने कहा कि अगले जन्म भी विपक्ष के सदस्य ताली बजाते हुए पैदा हों। विपक्ष को बेशर्म कहा। विपक्ष ने कभी वेतन कटाने को लेकर नाराजगी नहीं जताई। उन्होंने विधायक निधि को लेकर बात उठाई थी। मुख्यमंत्री ने बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया।
इस पर सीएम बोले – बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर विधानसभा ने चर्चा को स्वीकार किया। चर्चा हो रही थी तो हमने सारी बात सुनी। ऐसे शब्द एक बार नहीं, कई बार वहां से कहे गए, जो उचित नहीं थे। सारी चर्चा के बाद जवाब दिया जाना था। वहां से नारेबाजी हो रही थी। गलत शब्दों का चयन किया। बाधा करने को तालियां बजाने लगे। हमने कहा कि अगले जन्म में भी खुशी में पैदा हों। किसी परिवार में बच्चा पैदा होता है तो खुशियां मनाई जाती हैं। आप हमें, दलाल, लुटेरे बोलते रहें तो फिर तो एक-एक शब्द को देखना पडे़गा। हमारी मंशा आपकी भावनाएं आहत करने की नहीं थी। कहा कि खोद-खुदाई में जाएंगे तो बहुत सी बातें उठेंगी। वेतन काटने की बात उठी थी, तभी उन्होंने ऐसा कहा। इसका अहसान मत गिनवाइए। विपक्ष के नेता को भी मर्यादा में रहकर बात करनी होगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद विपक्षी सदस्य भड़क उठे। वन मंत्री राकेश पठानिया ने विपक्ष पर सरकार को पाकिस्तान जाने जैसे नारे लगाने पर नाराजगी जताई। विस अध्यक्ष ने कहा कि मैं रिकॉर्ड की पड़ताल करूंगा। शब्दों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद गतिरोध समाप्त हुआ और तीन दिन बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ।