नई दिल्ली ,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : यूपी के गाजीपुर में पुलिसिया टालमटोल से क्षुब्ध गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर जान दे दी है। मंगलवार की रात गैंगरेप की वारदात हुई थी। बुधवार की देर रात तक पीड़िता और उसके पिता थाने में ही बैठे रहे लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। यहां तक कि आरोपितों के परिजनों को बुलाकर सुलह की कोशिश की गई। पुलिस के सवालों और पंचायत के तानों के बाद निराश युवती ने आत्मघाती कदम उठा लिया। गुरुवार की सुबह शव को कब्जे में लेने पहुंची पुलिस को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। गुरुवार दोपहर तक पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक चलती रही।आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर ग्रामीण अड़ गए। कई घंटे बाद ग्रामीण शव लेकर कासिमाबाद थाने पहुंच गए। मामला बढ़ाता देख एसपी भी मौके पर पहुंचे।
कासिमाबाद थाने के बहादुरगंज चौकी क्षेत्र के एक गांव में 20 वर्षीय युवती के परिजन मंगलवार रात किसी काम से बाहर गए थे और देर शाम तक नहीं लौटे। युवती को अकेला जानकर गांव के ही दो युवक बहाना बनाकर घर में घुस गए और असलहा के बल पर रेप किया। परिजनों के आने पर युवती ने आपबीती सुनाई तो घर वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
पिता सबसे पहले युवकों के घर पहुंचे लेकिन दोनों फरार थे। परिजनों ने उल्टा पीड़िता के पिता को धमकाना शुरू कर दिया। बुधवार सुबह युवती के साथ पिता कासिमाबाद थाने पहुंचा और पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने तहरीर लेकिन जांच की बात कहते हुए टरका दिया। शाम तक मुकदमा भी दर्ज नहीं किया।
पीड़िता और उसके परिजन दोबारा थाने पहुंचे तो पुलिस ने दूसरे पक्ष को बुलाकर मामला निपटाने का प्रयास किया। थाने पर ही पंचायत चली। युवती किसी भी तरह के दबाव में नहीं आई तो दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। युवती और उसके पिता युवकों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए देर शाम तक थाने में बैठे रहे। इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई तो नहीं की उल्टे युवती को ही कई बातें सुनने को मिलती रहीं।
देर शाम तक युवती थाने पर ही रही और आरोपियों को गिरफ्तार किये बगैर जाने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद भी क्षेत्रीय दरोगा पर कोई असर नहीं पड़ा। रात होने के कारण बेटी को लेकर परिवार घर आ गया। इसी बीच युवती अपने कमरे में गई और फांसी लगाकर जान दे दी। बेटी को लटका देख कोहराम मच गया। आननफानन चिकित्सक को बुलाकर दिखाया तो उसने मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना पाकर पुलिस भी गांव पहुंची। पुलिस के देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा उबल पड़ा।परिजनों ने शव को पुलिस को नहीं सौंपा। गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक पुलिस को शव नहीं मिल सका था। गांव में तनाव के बाद सीओ कासिमबाद समेत सर्किल के थानों की फोर्स भी मंगा ली गई थी।