हरिद्वार दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलतराम ऑडिटोरियम में आयोजित युवा अभ्युदय 2020 के कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हजारों युवा की उपस्थिति ने दिखा दिया कि युवा अब जाग रहा है, उसे किसी प्रकार के संशय में रखना नामुमकिन है। एनसीआर के कई हजार युवाओं ने अपनी प्रतिभा को समाज व राष्ट्र के विकास में लगाने के लिए तैयार हैं।
इन युवाओं को संबोधित करने हरिद्वार से देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी गायत्री मनुष्य को प्रखरता, पवित्रता एवं परिष्कार के रूप में तीन विशेष प्रेरणाएँ प्रदान करती हैं। यदि जीवन में इसे उतार लिया जाय, तो मानव के रूप में महामानव, इंसान के रूप में भगवान इसी काया में दिखाई देने लगेगा। आज युवा काफी समझदार है, तर्क, तथ्य एवं प्रमाण के साथ आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं। राष्ट्र का युवा अब जाग रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन को सही दिशा देने हेतु युवावस्था ही सबसे सुनहरा अवसर है। इस समय हम जिस किसी दिशा में चल पड़ेंगे, हमारा भविष्य उसी तरह की मंजिल पर खड़ा मिलेगा। बी अर्थात् बॉर्न (जन्म) और डी यानी डेथ (मृत्यु) ये दोनों हमारे हाथों में नहीं है, किन्तु इनके बीच सी अर्थात् च्वाइस (पसंद) हमारे हाथ में है। इसके अंतर्गत में अपनी च्वाइस को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया, तो महान बनते देख नहीं लगेगी। स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामकृष्ण, पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री आदि महापुरुषों ने अपनी च्वाइस को सकारात्मक दिशा मे आगे बढ़ाया, तो वे विश्व भर में सदैव याद रखने वाला व्यक्तित्व के रूप में सबके सामने हैं। प्रतिकुलपति ने पॉवर पाइंट प्रेजेण्टेशन के माध्यम से मनुष्य जीवन के विभिन्न पक्षों को उकेरते हुए सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर 2017 की आईएएस टॉपर अनु कुमारी ने युवाओं को अपने निर्धारित लक्ष्य पर स्थिर रहकर तैयारी करने एवं उसे प्राप्त करने की जुनून पैदा करने हेतु प्रेरित किया। लद्दाख के सोनम वांगचुक सहित कई वक्ताओं ने भी युवाओं को संबोधित किया।