हरिद्वार, एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में आज वैदिक मन्त्रोउच्चारण के साथ हरेला के शुभ पावन अवसर पर अपर महाकुम्भ मेला अधिकारी, सरदार हरबीर सिंह, काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त लखन गिरि जी महाराज, सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, श्री महन्त डोंगर गिरि जी महाराज, दिगम्बर श्री रघुवन जी महाराज व काॅलेज प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा नीम, पीपल, बिल्वपत्र, अमलतास एवं छायादार पोधो को रोपित कर पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को स्वच्छ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों में अपना योगदान देने का भी संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त लखन गिरि महाराज ने अपने संदेश में कहा कि वृक्षों का मानव जाति के जीवन में बहुत अधिक महत्व है। वृक्षों का अस्तित्व हमारे जीवन और जीवनशैली दोनों से जुड़ा है। प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। अपर महाकुम्भ मेलाधिकारी सरदार हरबीर सिंह ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि पौधरोपण द्वारा ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जा सकता है। हमारा वृक्षों के साथ बहुत गहरा व सुक्ष्म सम्बन्ध है। हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण वृक्षों से सम्बन्ध रखता है।
पौधारोपण कार्यक्रम में उपस्थित पूजनीय संतों को नमन करते हुए अपर महाकुम्भ मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि हमें विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक है। उन्होंने सभी से एक वृक्ष रोपित करने एवं वर्षभर उसकी देखभाल करने का आह्वान किया। श्री सिंह ने कहा कि वृक्ष अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान, वातावरण में प्राण वायु आॅक्सीजन की मात्रा सन्तुलित करने, मानव जीवन को विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण करने तथा मिट्टी एवं स्थल का अपरदन रोकने जैसी गतिविधियों के लिए वृक्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं हो सकता।
काॅलेज प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि धरती पर हमारे सबसे नजदीकी मित्र वृक्ष हैं, जब आप वृक्ष काटते हैं तो समझिए आप अपनी जीवन शक्ति पर प्रहार कर रहे हैं और अपनी ही परेशानियों को बढ़ा रहे हैं। यदि हम पोधों को उगायेंगे तो वे हमें आगे बढ़ायेंगे जो मानव कल्याण के लिए बहुत जरूरी है। डाॅ. बत्रा ने कहा कि हमें वृक्षों के महत्व को समझना होगा। ऋषि-मुनियों ने भी वृक्षों को सूर्य, चन्द्रमा, गंगा की तरह पवित्र मानकर इसकी पूजा करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष जितनी आक्सीजन अपने पूरे जीवन में देता है वह कई व्यक्तियों को जीवन दे सकता है। अतः वृक्ष लगाना व उनका संरक्षण करना बहुत आवश्यक है क्योंकि वृक्षों के बिना मानव जीवन असम्भव है। कोरोनावायरस काल में आक्सीजन का महत्व समझ में आ रहा है।प्राण वायु के कम होते ही यह वायरस अधिक विकराल रूप ले लेता है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण अधिकारी डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। वृक्ष हमें फलों के रूप में भोजन, अनाज व जड़ीबूटी के रूप में दवायें देते हैं। प्रकृति के रूप में वृक्ष हमारा पालन-पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं परन्तु विकास की अंधी दौड़ में हम अनायास ही वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाकर अपने जीवन पर ही प्रहार कर रहे हैं। डाॅ. माहेश्वरी ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए सम्पूर्ण भारत में हरेला पर्व मनाया जाना चाहिए।
मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक ने कहा कि वृक्ष रहेंगे तो मानव जीवन रहेगा, वृक्ष हमें आक्सीजन के रूप में प्राण वायु प्रदान करते हैं पोधै कार्बन-डाई-आक्साईड ग्रहण करके वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए प्राकृतिक प्यूरीफाई का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण ही भगवान शिव की सच्ची आराधना है। प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। यदि हम उसके विरूद्ध जायेंगे और अपने लालच की पूर्ति के लिए उसके ससांधनों का अंधाधुंध दोहन करेंगे तो हम अपने विनाश को निमंत्रण देंगे। इस अवसर पर डाॅ. नरेश कुमार गर्ग, डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ नलिनी जैन, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डाॅ. सुषमा नयाल, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द पाण्डेय, एवं कार्यालय स्टाफ आदि सोशल डिस्टेंसिंग नाॅमर्स के अनुसार उपस्थित थे।