शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : शिमला (शहरी) क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथाम की तैयारियों के संबंध में आज यहां बचत भवन सभागार में पुलिस, स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपमंडलाधिकारी शिमला (शहरी) नीरज चांदला ने की।
उन्होंने बताया कि शिमला शहरी में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 3 रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, जिसके द्वारा यदि कोई व्यक्ति इस क्षेत्र के अंदर कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो टीम के द्वारा उस क्षेत्र में क्वाॅरेंटाइन, स्क्रीनिंग एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग का पूरा जायजा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक टीम में 5 सदस्य शामिल है, जिसमें पुलिस, स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन के सदस्यों का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम का गठन शिमला शहरी में थाना एवं सर्कल के हिसाब से किया गया है, जिसमें सदर थाना, बालूगंज सर्कल तथा छोटा शिमला सर्कल शामिल है। इसके अतिरिक्त एक क्विक रिस्पांस टीम का गठन भी किया गया है जिसमें डाॅ. चेतन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जिला निगरानी अधिकारी डाॅ. राकेश ने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों को मास्क के उपयोग तथा मास्क लगाने की विधि के बारे में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है कि यदि कोई व्यक्ति क्षेत्र के अंदर कोरोना संक्रमित पाया जाता है, तो स्थिति से कैसे निपटा जाए।
डाॅ. राकेश ने उपस्थित अधिकारियों को कंटेनमेंट जोन तथा बफर जोन के बारे में भी विस्तृत से बताया। यदि किसी क्षेत्र में कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसके 3 किलोमीटर के दायरे के अंदर को कंटेनमेंट जाॅन में रखा जाएगा तथा उसके 7 किलोमीटर के दायरे के अंदर आने वाले क्षेत्र को बफर जोन में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को कंटेनमेंट जाॅन के अंदर अचानक से सांस लेने में तकलीफ आती है तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जाए।
उन्होंने बताया कि तैयार की गई रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा कंटेनमेंट जाॅन के अंदर 28 दिनों तक रोज सभी लोगों से सर्दी, जुखाम, खांसी के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
डाॅ. राकेश ने कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विस्तृत से अपनी बात रखी कि किस तरह से कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति का प्राइमरी तथा सेकेंडरी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जानी है तथा कोरोना वायरस के मरीजों का सैंपल किस तरह से एकत्रित किया जाना है तथा उस सैंपल को लैब तक कैसे पहुंचाया जाना है।
इसके अतिरिक्त पीपीई किट के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई कि किस स्तिथि में कौन से किट की आवश्यकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यदि किसी क्षेत्र में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उस क्षेत्र को 4 घंटे के अंदर कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाए तथा उसे पूरी तरह से बंद कर दिया जाए।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशानुसार ही अधिकारी काम करें ताकि किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी का माहौल न बने।
इसके पश्चात जिला निगरानी अधिकारी द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया दल की भी इस संबंध में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें शिमला नगर के 34 वार्डों के स्वास्थ्य अधिकारी तथा आयुर्वेद अधिकारियों ने भाग लिया।
डाॅ. राकेश ने बताया कि इन्हें कार्यशाला के दौरान रोकथाम के लिए सक्रिय निगरानी और त्वरित प्रभाव से कार्य करने के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।
कार्यशाला में स्वास्थ्य राजस्व व पुलिस विभाग के अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं सहित शिमला शहरी क्षेत्र के लगभग 90 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।