कानपुर,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : लॉकडाउन के दौरान स्वामी विरक्तानंद महाराज उर्फ शोभन सरकार के निधन के बाद उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने शिरकत की थी। जिस पर चौबेपुर पुलिस ने महामारी अधिनियम सहित कई धाराओं में 4100 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लोगों पर मामला दर्ज किए जाने के विरोध में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई अपनी गिरफ्तारी देने के लिए थाने पहुंचे। जिन्हें थाना चौबेपुर से निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई।
विधायक अमिताभ बाजपेई का कहना है कि उनके साथ तमाम दूसरे राजनीतिक दल के नेता स्वामी जी के अंतिम यात्रा में मौजूद थे। पुलिस ने अज्ञात लोगों पर मामला क्यों दर्ज किया है? मैं खुद अपनी गिरफ्तारी देने के लिए आया हूं। उन्होंने कहा कि मैंने अकेले अपने को पेश किया ताकि पुलिस को इस आपातकाल में परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि एक संत मुख्यमंत्री के इतने महान संत के गोलोक धाम जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की गई। जिसका कारण यह हो सकता है कि शोभन सरकार के आदेश पर सपा सरकार में विकास के कई कार्य हुए थे।
शोभन सरकार बुधवार की सुबह ब्रह्मलीन हो गए थे। इसकी सूचना मिलते ही उनके आश्रम में भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गई। चौबेपुर के सुनौढ़ा घाट तक गई अंतिम यात्रा में भी हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन लोगों ने नहीं किया। कानपुर देहात और कानपुर नगर जिला प्रशासन और पुलिस को इस बात का पता तो था कि भीड़ हजारों में जुटेगी, लेकिन किसी ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया।
उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने पर पुलिस ने गुरुवार को लॉकडाउन का उल्लंघन करके जुटे भक्तों के खिलाफ मुकदमा जरूर दर्ज कर लिया। थाना प्रभारी चौबपुर विनय तिवारी ने सुनौढ़ा घाट पर जुटे 2000 भक्तों के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया। उपनिरीक्षक अंजली तिवारी ने बंदी माता तिराहे पर जुटे 1200 भक्तों और उप निरीक्षक देवेंद्र ने बेला रोड क्रासिॆग पर 900 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। दरअसल स्वामी जी की मृत्यु का समाचार तेजी के साथ फैला। जब तक पुलिस तक सूचना पहुंचती, बड़ी संख्या में लोग उनके आश्रम पहुंच चुके थे। अगर लॉकडाउन का समय न होता तो वहां लाखों की भीड़ जुटती। जो लोग एकत्र हुए हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।