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Uttarakhand,(प्रदीप बड़थ्वाल):आम आदमी पार्टी उत्तराखंड प्रदेश व श्रमिक विकास संगठन अभी हाल में राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक तरीके से श्रमिक कानूनों में किए गए बदलाव का पूर्णत विरोध करता है। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड प्रदेश संयोजक एस एस कलेर ने कहा कि कुछ राज्य सरकारें व केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव कर श्रमिकों के साथ छलावा करने जा रही है और यह केंद्र व राज्य सरकारों का मजदूर विरोधी चेहरे को दर्शाता है।

कलेर ने कहा कि सरकारों द्वारा और श्रमिक विवाद अधिनियम और कारखाना अधिनियम (पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट)1936 सहित प्रमुख अधिनियम में संशोधन किए हैं व ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 को 3 वर्षों के लिए रोक दिया गया है।
कलेर ने कहा कि राज्य सरकारों ने उन तमाम प्रबंधनों को समाप्त कर दिया है जिसके माध्यम से पीड़ित मज़दूर व किसान उद्योगपतियों, ठेकेदारी प्रथा के हाथों पीड़ित होने पर श्रम न्यायालय एवं न्यायालय की शरण में जा सकता था इतना ही नहीं श्रमिकों से अब 8 घंटों की जगह 12 घंटों की शिफ्ट कर काम लिया जाएगा।
कलेर ने कहा कि इसके अलावा और भी मजदूर विरोधी कानून बनाए गए हैं जिससे सरकारों का मजदूर विरोधी चेहरा उजागर होता है, किसानों व अन्नदाताओं का हाल ही के महीनों में लगातार फसल खराब होने से नुकसान, गन्ना उत्पादन किसानों का पिछला भुगतान ना होना, उनके ऋणों को माफ ना कराना, बिजली व पानी के बिलों को माफ ना करना आदि केंद्र सरकार का किसान विरोधी चेहरा दर्शाता है।
आम आदमी पार्टी संयोजक कलेर ने कहा कि श्रमिक व किसान विरोधी नीतियों के विरोध में श्रमिक विकास संगठन व आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता उत्तराखंड प्रदेश में आगामी 15 मई को एक दिवसीय सत्याग्रह सामूहिक उपवास रखकर विरोध दर्ज कराएंगे, उन्होंने प्रदेश के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि अपनी अपनी जगह पर उपवास कर मज़दूरों एवं किसानो के अधिकारो के हनन के विरुद्ध इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।