शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में बर्मा पापड़ी पंचायत की एक नवजात बच्ची की मां के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद प्रशासन ने इलाके की तीन पंचायतों के 10 गांव सील कर दिए हैं। जिला दंडाधिकारी डॉ. आरके परूथी ने यह आदेश जारी किए। अब इन इलाकों में कर्फ्यू के दौरान किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। आवश्यक वस्तुओं की भी यहां होम डिलीवरी की व्यवस्था करवाई जा रही है।

जिला दंडाधिकारी डॉ. आरके परूथी ने बताया कि ग्राम पंचायत बर्मा पापड़ी के डाकरा गांव को हॉटस्पॉट कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। डाकरा गांव के साथ लगते ग्राम पंचायत बर्मापापड़ी के गांवों बर्मा, पापड़ी, कंडईवाला, बजारी, लेही तथा जंगलाभूड़, ग्राम पंचायत पालियों के गांव पालियों और भोगपुर सिंबलवाला तथा ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के गांव खडकों को बफर जोन घोषित किया गया है। आगामी आदेश तक यह इलाके सील रहेंगे।

उन्होंने बताया कि आपदा की स्थिति को छोड़कर, इस संपूर्ण क्षेत्र में सभी प्रकार की आवाजाही व सभी प्रकार के समारोह, प्रदर्शन, बैठकें, जलूस, रैली, कार्यशाला, सामुदायिक व सभी प्रकार के धार्मिक आयोजन पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। बर्मापापड़ी सड़क आवाजाही के लिए खुला रहेगा, लेकिन इस क्षेत्र के भीतर वाहन खड़ा करने की अनुमति नहीं होगी।इस दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर स्थित दवाइयों की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। कंटेनमेंट जोन में सभी बैंक तथा व्यावसायिक संस्थान भी बंद रहेंगे।

डॉ. परूथी ने बताया कि सील किए गए क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे। बशर्ते, इन कार्यालयों में सामाजिक दूरी तथा सरकार द्वारा निर्धारित क्रमवार तरीके से कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में अन्य सभी कार्यालय बंद रहेंगे।

उन्होंने बताया कि खंड विकास अधिकारी नाहन द्वारा कंटेनमेंट जोन में समय-समय पर सैनिटाइजेशन करवाई जाएगी। कंटेनमेंट जोन में सभी आवश्यक वस्तुओं की घरद्वार पर आपूर्ति संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान, उपप्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व पटवारी के सहयोग से सुनिश्चित की जाएगी। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले पर आईपीसी की धारा 269, 270 और 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51, 54 और 56 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।