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चण्डीगढ़, 16 नवंबर – राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में‘‘वसुधैव कुटुंबकम- व्यापार से एकजुटता’’ विषय पर आधारित हरियाणा पवेलियन आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हरियाणा पवेलियन में राज्य की परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और उपलब्धियों के साथ आधुनिक तकनीक के सहारे प्रगति के पथ पर अग्रसर प्रदेश को दिखाया गया है। इस पवेलियन में व्यापार और वाणिज्य से लेकर खेल तथा श्रीमद्भागवत गीता में निहित ‘कर्म’ के संदेश का समावेश देखने को मिल रहा है।

ट्रेड फेयर अथॉरिटी ऑफ हरियाणा (टीएफएएच) के माध्यम से प्रगति मैदान नई दिल्ली में 14 से 27 नवंबर, 2023 तक लगे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बनाए गए हरियाणा पवेलियन में प्रदेश की परंपरा के साथ आधुनिकता के सफऱ को प्रदर्शित किया गया है। इस बार हरियाणा मंडप को इस अनूठे ढंग से आकार दिया गया है जहां पर आपको प्रदेश की समृद्ध संस्कृति व परंपरा के दर्शन होंगे।

हरियाणा मंडप को देखते ही सबसे पहले हरियाणवी संस्कृति व परंपरा की झलक देखने को मिलती है। पिछले नौ वर्षो के दौरान हरियाणा में आई डिजिटल और औद्योगिक क्रांति को भी पवेलियन में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। नए तैयार हो रहे स्टार्टअप की झलक भी विभिन्न उत्पादों के रूप में देखने को मिल रही है। इस बार हरियाणा पवेलियन में कुल 51 स्टॉल लगाए गए हैं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्टार्टअप के रूप में आए बदलाव को पवेलियन में दिखाने का मौका युवाओं को दिया गया है। एक ओर जहां नवाचार से अग्रणी राज्य के रूप में हरियाणा आगे बढ़ते दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर मंडप में पारंपरिक लोकाचार का भी समावेश दर्शाया गया है। निकास द्वार को गुरुग्राम के आधुनिक क्षितिज के रूप में डिजाइन किया गया है, जो हरियाणा को एक आधुनिक राज्य के रूप में उजागर करता है। मंडप के पिछले भाग के डिजाइन में आधुनिकता दिखाई देती है, जो अर्थव्यवस्था और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम उपलब्धियों को प्रदर्शित करती है।

पुरातन संस्कृति से लेकर खेलों में उपलब्धि बनी आकर्षण का केन्द्र

हरियाणा मंडप में वैदिक युग व पुराने समय की संस्कृति को दर्शाने का प्रयास किया गया  है। पूर्व में उत्सव के अवसर पर प्रयोग की जाने वाली सामग्री को विरासत के रूप में पंडाल में जगह मिली है। ऐतिहासिक राखीगढ़ी (हिसार) में मिले सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों को कलाकृति के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। यहां विशेष रूप से कारीगर गैलरी व मिट्टी से बनी वस्तुओं के अलावा दो स्थानों पर लाईव डेमो के लिए प्लेटफार्म भी दिए गए है। मंडप के एक हिस्से में गाँव की चौपाल में पेड़ के नीचे समूह में बैठकर पंच परमेश्वर अपने गाँव के विकास को लेकर अहम फ़ैसले लेते दिखाई देते हैं जिससे ग्रामीण पृष्ठभूमि की झलक मिलती है तो दूसरी ओर खेलों में हरियाणा के प्रदर्शन को रेखांकित किया गया है।

गीता का सार और आधुनिक हरियाणा दिखा रहा अलग झलक

नौ वर्षो के दौरान हरियाणा ने औद्योगिक प्रगति में एक लम्बी छलांग लगाई है। प्रदेश सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूह से लेकर उद्योग के लिए मदद की विभिन्न योजनाएं चलाई हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के फलस्वरूप ही हरियाणा मंडप में कई नए स्टार्टअप दिखाई दिए हैं जो ग्रामीण स्तर पर छोटी इकाई से शुरू होकर आगे बढ़े है। हरियाणा समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत रखता है, आधुनिक समय में यह ऑटोमोबाइल क्षेत्र के रूप में उत्तर भारत का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बन गया है। इतना ही नहीं, बदलते समय के साथ तालमेल बिठाते हुए इसने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को भी अपना लिया है, जिससे बेंगलुरु के बाद गुरुग्राम देश की दूसरी ‘सिलिकॉन वैली’ बन गई है।

हरियाणा मंडप में  जिन 51 स्टालों को जगह मिली है उनमें प्रमुख रूप से एमएसएमई स्टार्टअप और स्टॉल द्वारा व्यापार और उद्योग का प्रदर्शन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स, चमड़ा, सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल के उत्पाद, हरियाणा के बोर्ड/निगमों सहित विभिन्न विभाग, कला एवं संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन, फूल झाड़ू बनाने की पारंपरिक कला का सजीव प्रदर्शन, सांझी, स्वयं सहायता समूह, प्लास्टिक के दबाव को कम करने के लिए प्लास्टिक कचरे से बनी इको फ्रेंडली पेंटिंग का लाइव प्रदर्शन आदि शामिल है।