नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : कोरोना वायरस  के चलते मध्य प्रदेश के इंदौर में जितने लोगों की मौत हुई है, उससे कहीं अधिक संख्या में जनाजों का कब्रिस्तान पहुंचना चिंता का सबब बन गया है | इंदौर में 1 अप्रैल से लेकर मंगलवार तक जहां 120 से ज्याबदा जनाजे कब्रिस्तान पहुंचे थे, वहीं बुधवार को भी यह सिलसिला जारी रहा | बस फर्क इतना आया कि यह बात उजागर होने के बाद अब रात को जनाजे कब्रिस्तान लाए जाने लगे | चौंकाने वाली बात यह रही कि इन्हें ठेलों पर रखकर लाया गया | किसी भी जनाजे के साथ शव वाहन का न होना भी संदिग्ध  माना जा रहा है | इंदौर के कैंटोनमेंट इलाकों के पास मौजूद कब्रिस्तानों में बुधवार रात को करीब 10 जनाजे लाए गए | इनमें से 8 तो महू नाका कब्रिस्तान में ही थे | राजस्था न पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, इनके साथ संभवतः प्रशासनिक टीम का एक सदस्य भी मौजूद था | इस संबंध में जांच की बात खुद इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह कर चुके हैं | उन्होंने कहा था कि पहले मौत के आंकड़ो का तुलनात्मक अध्ययन पांच साल के समय को देखते हुए किया जाएगा और यदि मौत की संख्या ज्यादा होगी तो जांच की जाएगी | मृतकों की इतनी बड़ी संख्या सामने आने के बाद नगर निगम भी सक्रिय हो गया है और महू नाका, चंदननगर, नूरानी नगर, लुनियापुरा और सिरपुर कब्रिस्तान में रखे गए रजिस्टर मंगाए हैं | नगर निगम भी जनाजों की संख्या अचानक बढ़ जाने की जांच कर रहा है | निगम इन आंकड़ों को गलत बता रहा है | निगम के कब्रिस्तान प्रभारी डॉ | नटवर सारडा का कहना है कि उनके पास 21 दिन में आंकड़े आते हैं | उन्होंने कहा कि किसी खबर से मैं इत्तेफाक नहीं रखता हूं | इसकी जांच की जाएगी और उसके बाद सही तस्वीर पेश की जाएगी | अब कोरोना के बढ़ते मामलों और मौतों को देखते हुए नगर निगम ने शहर के श्मशानों और कब्रिस्तानों में तैनात अपने कर्मचारियों को पीपीई किट देने की बात कही है | निगम आयुक्त आशीष सिंह ने कहा कि सभी कर्मचारियों को गुरुवार तक पीपीई किट दे दिया जाएगा |