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ढाका,। बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर के पुश्तैनी घर में भीड़ ने हमला कर तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद अधिकारियों ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
आठ जून को एक यात्री अपने परिवार के साथ सिराजगंज जिले में स्थित कचहरीबाड़ी नामक स्थान पर घूमने गया था। इस जगह को रवींद्र कचहरीबाड़ी या रवींद्र स्मारक संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। वहां प्रवेश द्वार पर मोटरसाइकिल की पार्किंग फीस को लेकर उनकी एक कर्मचारी से बहस हुई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाद में उस आगंतुक को कथित तौर पर एक दफ्तर के कमरे में बंद कर दिया गया और उसके साथ मारपीट की गई।
इस घटना से नाराज होकर स्थानीय लोगों ने मंगलवार को मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद, एक उग्र भीड़ ने कचहरीबाड़ी के ऑडिटोरियम पर हमला कर दिया और वहां तोड़फोड़ की। साथ ही संस्था के एक निदेशक के साथ भी मारपीट की गई। घटना के बाद बांग्लादेश के पुरातत्व विभाग ने हमले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने दी।
कचहरीबाड़ी के संरक्षक मोहम्मद हबीबुर रहमान ने पत्रकारों को बताया कि अपरिहार्य कारणों से आगंतुकों के लिए कचहरीबाड़ी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। बीएसएस के अनुसार, उन्होंने कहा कि कचहरीबाड़ी की पूरी स्थिति पर विभाग की नजर बनी हुई है और जांच समिति को पांच कार्यदिवस के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। कचहरीबाड़ी बांग्लादेश के राजशाही डिवीजन के शाहजादपुर इलाके में स्थित है। यहां टैगोर परिवार का पुश्तैनी घर और राजस्व कार्यालय था। रवींद्रनाथ टैगोर ने इस हवेली में रहते हुए कई महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएं की थीं।