उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का हब बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थापित की जाएगी। इससे चार लाख युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इसके लिए नीति बनाई जा रही है। इससे विदेशी कंपनियों को यहां अपना उद्यम स्थापित करने में न सिर्फ आसानी होगी बल्कि उन्हें रियायतें भी दी जाएंगी। निर्माण के लिए जमीन तलाशने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

एनसीआर में 2500 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थापित की जाएगी। जेवर एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण यहां आवागमन भी सुगम होगा। दरअसल देश में मोबाइल फोन, एलसीडी व एलईडी टेलीविजन व एलईडी के उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है और उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। बीते पांच वर्षो में विदेशी कंपनियों की 123 इकाइयां यहां स्थापित हुईं। यूपी ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण में उल्लेखनीय गति दी है। भारत में होने वाले कुल मोबाइल निर्माण का 45 प्रतिशत निर्माण यूपी में हो रहा है। देश की 38 मोबाइल निर्माता कंपनियों में से करीब 13 कंपनियां अकेले यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थापित की गई हैं।

ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण का हब इसे बनाने में आसानी होगी। यहां कंपनियों को उद्योग स्थापित करने में जो लागत आएगी, उसमें छूट दी जाएगी। यहां जमीन खरीदने से लेकर विभिन्न तरह के टैक्स आदि में 25 फीसद तक की छूट दी जाएगी। अभी इंजीनियरिंग, डिप्लोमा व स्नातक आदि की पढ़ाई करने के बाद काफी संख्या में युवाओं को नौकरी तलाशने के लिए भटकना पड़ता है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी का निर्माण होने के बाद उन्हें आसानी होगी।

एनसीआर में इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना जल्द की जाएगी। इसके लिए जमीन तलाशने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के तहत उद्यमियों को अपना उद्योग लगाने में यहां रियायतें दी जाएंगी। करीब चार लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।