हरिद्वार 12 दिसम्बर, 2020 एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार के दृष्टिगत सुरक्षा कारणों से राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों एवं 

महाविद्यालयों में आॅनलाईन मोड़ में पठन पाठन कार्य किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य ,शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को पुनः 15 दिसम्बर से पठन-पाठन हेतु खोले जाने के सन्दर्भ में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, दिशा-निर्देशों को सख्ताई से पालन करने हेतु आज महाविद्यालय में शिक्षकों की एक आवश्यक बैठक हुई।
प्राध्यापकों को जानकारी देते हुए डाॅ. बत्रा ने बताया कि महाविद्यालयों में आॅफलाईन पठन-पाठ्न हेतु खोले जाने पर छात्रों की उपस्थिति के सम्बन्ध में अभिभावकों की सहमति-पत्र की अनिवार्यता है। महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर ही सैनेटाईजर, हैण्डवाश, थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की जायेगी। किसी भी शिक्षक, कर्मचारी अथवा छात्र को खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण होने उसे वापस घर भेज दिया जायेगा। सामाजिक दूरी (दो गज) का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। महाविद्यालय खोलने पर कोविड-19 के नियमों का पालन न करने पर सम्बन्धित शिक्षक/कर्मचारी/छात्र-छात्राओं के विरूद्ध महामारी अधिनियम की संगत धाराओं के अधीन कार्यवाही की जा सकती है। डाॅ. बत्रा ने बताया कि उक्त समस्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु समस्त शिक्षण संस्थानों में पृथक-पृथक नोडल अधिकारी नामित किये गये जिसमें डाॅ. सुषमा नयाल को मुख्य नोडल अधिकारी तथा डाॅ. विजय शर्मा, पंकज यादव व विवेक मित्तल को सहायक नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया जो मुख्य नोडल अधिकारी का सहयोग करेंगे।
केन्द्र/राज्य/यू.जी.सी. द्वारा जारी कोविड-19 के नियमों का समय समय पर पालन सख्ती से किया जायेगा।
मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक ने बताया कि राज्य के बाहर से आने वाले छात्रों को कोविड-19 (आर.टी.-पी.सी.आर.) टैस्ट कराना अनिवार्य होगा तथा निगेटिव रिपोर्ट महाविद्यालय में दिखानी होगी। उच्च शिक्षण संस्थानों में किसी छात्र, शिक्षक, कर्मचारी आदि के कोविड-19 पोजिटिव पाये जाने पर सम्बन्धित जिलाधिकारी/मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। महाविद्यालय को खोले जाने से पूर्व उन्हें पूरी तरह से सैनेटाईज किया जा रहा है। प्रत्येक छात्र-छात्रा को महाविद्यालय में मास्क लगाना एवं आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाईल में डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन संकायों में थ्योरी एवं प्रयोगात्मक (बी.एससी. प्रथम, तृतीय व पंचम) दोनों पढ़ाये जाते हैं, उन्हीं में ही आॅफलाईन कक्षायें प्रारम्भ की जायेंगी, जिन विषयों (बी.ए., बी.काॅम., एम.ए. तथा एम.काॅम.) में केवल थ्योरी पढ़ायी जाती है अर्थात प्रैक्टिकल की अनिवार्यता नहीं है, वहां आॅनलाईन मोड से ही पठन-पाठन पूर्व की भांति किया जाता रहेगा। बैठक में मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. नलिनी जैन, डाॅ. पूर्णिमा सुंदरियाल, विनीत सक्सेना, नेहा सिद्दकी, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पदमावती तनेजा, एम.सी. पाण्डेय, संजीत कुमार आदि उपस्थित थे।