शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां विद्यार्थियों, शिक्षकों व अभिभावकों से आए सुझावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते आर्थिकी एवं शिक्षा के क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है तथा व्यापार को गति देने की ओर अग्रसर है वहीं मंत्रिमंडल सब कमेटी द्वारा आर्थिकी के सुधार के लिए सुझाव दिए जा रहे है। इसके साथ-साथ दूसरा क्षेत्र शिक्षा का है, जिसकी कोरोना वायरस के चलते सभी गतिविधियां बंद पड़ी हुई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली शुरू की जा चुकी है, जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा सफलता हासिल करते हुए उच्च शिक्षा स्तर पर 70 प्रतिशत और प्रारंभिक स्तर पर 66 प्रतिशत विद्यार्थियों तक पहुंच बनाई है। इसके साथ-साथ समग्र शिक्षा अभियान के द्वारा कंटेंट तैयार करके दूरदर्शन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है ताकि इस लाॅकडाउन की स्थिति में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश डिजिटल एजुकेशन की ओर बढ़ रहा है  तथा शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश विभिन्न प्रकार के निर्णय ले रहा है, जिसकी केंद्रीय संसाधन मंत्रालय द्वारा भी सराहना की गई। उन्होंने बताया कि लाॅक डाउन के चलते अध्यापकों द्वारा सक्रिय भागीदारी निभाते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहली से दसवीं कक्षा एवं ग्यारहवीं के बच्चों को उत्तीर्ण किया गया है ताकि वह आगे की पढ़ाई कर सके।

उन्होंने बताया कि दसवीं की परीक्षा की चेकिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तथा 15 से 20 जून, 2020 तक इसका परिणाम घोषित करने की संभावना है। वहीं यदि लाॅकडाउन खुल जाता है तो बारहवीं की बची 2 परीक्षा जो नहीं हुई है उसे करवाया जाएगा तथा बाकी पेपर की चेकिंग शुरू की जाएगी। जिसका परिणाम 30 जून, 2020 तक संभवतः घोषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन कंपीटेटिव एग्जाम होने से पहले यह परिणाम घोषित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य हैं जहां पर सौ फीसद पुस्तकें छाप कर विद्यार्थियों तक पहुंचाई गई हैं जहां दूसरे राज्य अभी इस स्थिति में नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास विभिन्न माध्यम से कर रही हैं। उच्चतर शिक्षा में भी परीक्षा एवं परिणाम की सारी प्रक्रिया को खत्म करके 1 सितंबर, 2020 से नया सत्र शुरू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का बहुत बड़ा योगदान है तथा मानव विकास मंत्रालय द्वारा 218 नए स्कूलों में आईसीटी लैब शुरू करवाने की अनुमति प्रदान की गई है वहीं 100 स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने, मानदेय के आधार पर कुछ शिक्षकों को नियुक्त करने तथा 50 स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज शुरू करने की भी अनुमति मानव विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई है।इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने उपस्थित मीडिया कर्मियों एवं अन्य लोगों में मास्क वितरित किए।