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हाथरस,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां जिला अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में क्वारंटाइन किये गये कुछ लोग अस्पताल परिसर के बाहर घूमते नजर आए। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि ये लोग कोरोना पॉजिटिव निकले तो अस्पताल आने वाले कितने लोग इनके संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं। इस लापरवाही पर जिला अस्पताल प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जब चिकित्सा अधीक्षक से इस संबंध में बात की गई तो वो इससे पल्ला झाड़ते नजर आए।
यहां के जिला अस्पताल में कुछ लोगों के सैंपल लेकर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में क्वारंटाइन किया गया है। जब तक इनकी रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता कि ये लोग संक्रमित हैं या नहीं। जब न्यूज़ 18 को इसकी जानकारी मिली कि क्वारंटाइन किये गये लोग बेरोक-टोक अस्पताल परिसर के बाहर घूम रहे हैं, तो फौरन टीम मौके पर पहुंची। हमें देखकर वो आनन-फानन में अस्पताल के अंदर भागने लगे।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आईवी सिंह को अवगत कराया गया तो उन्होंने तर्क दिया कि जिला अस्पताल में क्वारंटाइन किये गये लोग अपना सामान लेने के लिये घूम सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर 43 के आइसोलेशन वार्ड में एक कैंसर पीड़ित बुजुर्ग और उनकी पत्नी हैं। वो महिला बाहर बाहर घूम सकती हैं क्योंकि वो अपने पति की सेवा के लिए यहां हैं। सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल कोई जेल नहीं, जो कोई यहां-वहां घूम नहीं सकता। साथ ही ये भी दलील दी कि यहां लोगों पर नजर रखने के लिये हर कमरे में कैमरा नहीं लगाया जा सकता।
क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों का यूं बेफिक्र होकर बाहर घूमना जिला अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। क्योंकि अगर इनमें से किसी की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है तो ये अन्य लोगों के लिये खतरा है और महामारी का संक्रमण उन तक भी फैल सकता है।