- Abhey tyagi
बहुत से लोगोंको फैक्ट्री कारखाने दुकान ऑफिस खोलने की इच्छा है या कहो जल्दबाजी भी है….. पर अभी तक एक भी डॉक्टर ने अपना प्राइवेट क्लीनिक या हॉस्पिटल खोलने की इच्छा सरकार को नहीं जताई है देश में एक भी डॉक्टर ने पर्सनल क्लीनिक खोलने की अनुमति नहीं मांगी है ….क्यों क्या इतनी सी बात आप लोग समझ नहीं पा रहे है….क्या होगा अगर आपने आज की आज फैक्ट्री शुरू कर दी या ऑफिस शुरू हो गई या दुकान खोल दी….इससे आपको घर से बाहर निकालने का मौका मिल जाएगा आपका टाइम पास का साधन हो जाएगा….क्योंकि बाकी तो ना ग्राहक है ना स्टाफ है ना माल जाएगा ना पैसा आएगा उसका तो भगवान मालिक है कि पैसा वापस कब आएगा….पर जैसे ही आपके फैक्ट्री दुकान खुले आपको कोरोना की जोखिम जरूर बढ़ जायेगी….जब डॉक्टर क्लीनिक खोलने के लिए उतावला नहीं है क्योंकि उसको मालूम है क्लीनिक खोलने का मतलब खतरा मोल लेना कोरॉना बीमारी को आमंत्रण देना…क्यों आप खुद से ओर अपने परिवार के जीवन से खेलना चाहते है, सरकार के ऊपर बहुत तरह का प्रेशर है छोटे छोटे दुकान की आजीविका का सवाल है मजदूर के रोज की आजीविका ओर खाने का सवाल है….आपको भी अपनी जरूरतों के कारण आप आज की आज फैक्ट्री दुकान खोलने को उतावले हो रहे है… लेकिन खतरा अभी टला नहीं है बल्कि ओर बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों की सुने और समझें तो उन्होंने आने वाले बड़े खतरे की तरफ आगाह किया है….इसलिए सोचे समझें ओर अपने विवेक से निर्णय ले…..
सरकार एक निश्चित समय तक ही lockdown रख सकती है धीरे धीरे lockdown खत्म हो जाएगा सरकार भी इतनी सख्ती नहीं दिखाएगी क्योंकि सरकार ने आपको कोरोना बीमारी के बारे में अवगत करा दिया है, सोशल डिस्टैंसिंग, हैण्ड सेनिटाइजेशन, मास्क इत्यादि सब समझा दिया है
बीमार होने के बाद की स्थिति भी आप लोग देश में देख ही रहे है अब जो समझदार है वह आगे लंबे समय तक अपनी दिनचर्या, काम करने का तरीका समझ लें।
सरकार 24 घंटे 365 दिन आपकी चौकीदारी नहीं करेगी
आपके एवं आपके परिवार का भविष्य आपके हाथ में है
लोकडॉउन खुलने के बाद सोच समझ कर घर से निकले एवं काम पर जाये… व सरकार के निर्देशों एवं नियमानुसार ही अपना कार्य करें।