नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :कोरोना वायरस के कहर ने ज़िन्दगी जीने और तौर तरीकों में भारी बदलाव लाने को मजबूर कर दिया है। लोगों के व्यवहार से लेकर इनकी आम ज़रूरतों में भी बदलाव आया है। संक्रमण से बचने के लिए लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाने और गले मिलने तक से कतरा रहे हैं। ऐसी किसी भी चीज को छूने से बच रहे या डर रहे हैं जिनसे संक्रमण का ज्यादा खतरा हो सकता है। इनमें एटीएम भी एक है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर बहुत से लोग करते हैं।
ऐसे ही खतरे और आशंका को दूर करने के लिए बैंक अपने ग्राहकों के लिए ऐसे एटीएम उतारने की तैयारी में हैं, जिनसे बिना छुए ही एटीएम से पैसा निकाल सकें। पेमेंट्स कंपनी एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलॉजी ने इसका एक प्रोटोटाइप बनाया है। इसमें स्क्रीन पर क्यूआर कोड स्कैन करने के बात मशीन से इंटरफेस के लिए बैंक के मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जाता है।
सामान्य तौर पर एटीएम मशीन खाताधारक की पहचान के लिए मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड और सत्यापन के लिए पिन का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन कॉन्टेक्टलेस एटीएम का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक को स्क्रीन पर क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए बैंक के स्मार्टफोन एप का इस्तेमाल करना होगा। इसके बाद अपने मोबाइल पर ही निकासी राशि और एटीएम पिन डालेगा और मशीन को बिना छूए ही कैश मिल जाएगा।
एजीएस ट्रांजेक्ट देश में बैंकों के लिए 70 हजार एटीएम मैनेज करती है। कंपनी दो बैंकों के लिए कॉन्टेक्टलेस एटीएम सॉल्यूशन पर काम कर रही है। साथ ही उसकी चार अन्य बैंकों से भी बात हो रही है। इसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव करना होगा, लेकिन इसमें आठ हफ्ते का समय लग सकता है। इसकी वजह यह है कि बैंकों के पास मोबाइल बैंकिंग, एटीएम ऑपरेशन और एटीएम मेनटीनेंस के लिए कई सेवा प्रदाताओं का होना है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक ने स्मार्टफोन के इस्तेमाल से पैसों की कार्डलेस निकासी के एप विकसित किए हैं लेकिन ये कोरोना के संक्रमण से पहले के हैं। इनके लिए एटीएम को टच करना पड़ता है। पर अब इसमें भी बदलाव किया जा सकता है।