नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : दिल्ली के जाफराबाद दंगों की चार्जशीट में अहम खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि हिंसा के आरोपी वॉट्सएप ग्रुप से एक दूसरे से जुड़े थे। क्राइम ब्रांच की जांच में आरोपियों के पास से वॉट्सएप चैट भी मिले हैं। चैट में लिखा गया था कि “दंगों के दौरान महिलाएं क्या करें। जांच में पता चला है कि जाफराबाद में लोगों को प्लान के तहत दंगे के लिए उकसाया गया।

जाफराबाद हिंसा मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है। इसमें शामिल 15 आरोपियों में से कुछ आरोपियों के खिलाफ साल 2016 में हुई हिंसा में शामिल होने की एफआईआर भी दर्ज है। इस मामले में पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की भी जांच चल रही है। जाफराबाद हिंसा में 26 फरवरी को आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें एक मामला पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट का भी है जिसमें हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था।

25 फरवरी को भड़की हिंसा के आधार पर केस दर्ज किया गया। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नजदीक 66 फुटा रोड पर भड़की हिंसा में हत्या और दंगे को लेकर मामला दर्ज हुआ था। हिंसा के दौरान फायरिंग में अमन नाम के एक शख्स की मौत हो गई थी। घटनास्थल से 35 खाली कारतूस बरामद किए गए थे। इस मामले में 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच में पता चला कि सुनियोजित तरीके से उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काई गई।

गिरफ्तार लोगों में नताशा नरवाल और देवांगना कलिता का भी नाम है। दोनों पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की सदस्य हैं। जांच में बात सामने आई है कि जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भड़की हिंसा में दोनों ने बड़ी साजिश रची। दोनों महिलाओं का नाम ‘इंडिया अगेंस्ट हेट’ ग्रुप और उमर खालिद से भी जुड़ा बताया जा रहा है। दोनों में से एक के वॉट्सएप चैट से पता चला है कि बड़ी साजिश के तौर पर दिल्ली में हिंसा को अंजाम दिया गया।