इस धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री में पिछले सालों की अपेक्षा भारी गिरावट देखी गई है। इस बार धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री में 40 फीसद तक की गिरावट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सोने की ऊंची कीमतों के कारण इसकी डिमांड काफी कम रही है, जिससे बिक्री पर यह असर पड़ा है। सर्राफा कारोबारियों ने भी धनतेरस पर अधिकतर बाजारों में कारोबार ठंडा रहने की बात कही है। मान्यता है कि धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ होता है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में धनतेरस पर सोने में 220 रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। जिससे इसका भाव 39,240 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। वहीं, अगर पिछले साल धनतेरस की बात करें, तो तब सोने की कीमत 32,690 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस तरह इस बार इस धातु की कीमत में 20 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।

खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट के अनुसार, इस धनतेरस पर शाम तक लगभग 6,000 किलो सोने की बिक्री का अनुमान लगाया गया है। इसकी कीमत करीब 2,500 करोड़ रुपये बैठती है। वहीं, अगर पिछले साल की बात करें, तो तब धनतेरस पर 17,000 किलो सोना बिका था। इसकी कीमत करीब 5,500 करोड़ रुपये बनी था।

खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट के चेयरमैन (सोना एवं आभूषण समिति) पंकज अरोड़ा ने बताया, ‘अनुमान है कि इस बार कारोबार में 35 से 40 फीसद की कमी आई है। यह सर्राफा कारोबारियों के लिए चिंता की बात है। सोने और चांदी के भाव में तेजी के कारण बिक्री में यह कमी आई है। संभवत: यह कारोबारियों के लिए पिछले 10 सालों में सबसे खराब धनतेरस रहा।’

धनतेरस पर सोने-चांदी की बिक्री के बारे में अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष अनंत पद्मनाभन ने बताया कि अगर मात्रा के आधार पर देखें, तो इस बार बिक्री में पिछले साल की तुलना में 20 फीसद की गिरावट होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अगर कीमत के आधार पर देखें, इस बार भी सोने-चांदी की बिक्री पिछले साल के स्तर पर ही रहेगी